शिवपुरी। शिवपुरी जिले में खरीफ फसल की धान को छोड़कर कटाई पूर्णता की ओर है और कुछ किसान धान की पराली जलातें हैं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है एवं पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए शासन द्वारा नरवाई प्रबंधन योजना चलाई है, जिसमें किसान सुपर सीडर, हैप्पी सीडर का उपयोग कर सकते हैं।
किसान धान, सोयाबीन फसल में कटाई के तुरन्त बाद सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से बोवनी करें, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से बोवनी करने से फसल के ठण्डल या फसल अवशेष जमीन में मिल जातें हैं और कार्बनिक पदार्थ के रूप में परिवर्तित होकर भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करते हैं।
साथ ही भूमि में नमी संरक्षण में वृद्धि होती हैं जिससे फसल पकने की निश्चित अवधि से लगभग एक से दो सप्ताह पूर्व पक कर तैयार हो जाती हैं। उत्पादन उतना ही मिलता है जितना अन्य विधि से बोने में मिलता हैं।
शिवपुरी के सिंहनिवास के किसान धर्मेंद्र रावत के खेत पर सुपर सीडर के माध्यम से गेहूं की बोनी की गई। कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी और जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन भी मौके पर डेमो देखने के लिए पहुंचे। उन्होंने वहां उपस्थित अन्य किसानों से भी चर्चा की और का उपयोग, नैनो डीएपी और एनपीके खाद के उपयोग पर चर्चा की।
किसान धर्मेंद्र रावत ने बताया कि खेती में वह पिछले दो-तीन वर्षों से एनपीके का उपयोग कर रहे हैं और लगातार अच्छी फसल प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा सुपर सीडर के माध्यम से बीज बोने से से भी जो लाभ हो रहा है उसके बारे में भी उन्होंने अन्य किसान भाइयों को भी बताया है।
किसानों को बार-बार जुताई और बोनी करनी पड़ती है। सुपर सीडर के उपयोग से किसानों की लागत और समय दोनों की बचत होती है। इसके अलावा जो फसल अवशेष है उसका उपयोग इस खेत में खाद के रूप में होता है। इसलिए किसान भाई अधिक से अधिक सुपर सीडर को ही बोनी के लिए बढ़ावा दें।
मौके पर कृषि विभाग के उपसंचालक डॉक्टर यू एस तोमर के अलावा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय ग्रामीण जन भी उपस्थित थे।
कृषि विभाग के उपसंचालक ने बताया है कि जिले में खरीफ 2024 फसल कटाई कर सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से कृषकों द्वारा 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वोवनी की जा चुकी हैं। कृषकों से आग्रह हैं कि कटाई के तुरन्त बाद सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर से बोवनी करें।
किसान धान, सोयाबीन फसल में कटाई के तुरन्त बाद सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से बोवनी करें, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से बोवनी करने से फसल के ठण्डल या फसल अवशेष जमीन में मिल जातें हैं और कार्बनिक पदार्थ के रूप में परिवर्तित होकर भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करते हैं।
साथ ही भूमि में नमी संरक्षण में वृद्धि होती हैं जिससे फसल पकने की निश्चित अवधि से लगभग एक से दो सप्ताह पूर्व पक कर तैयार हो जाती हैं। उत्पादन उतना ही मिलता है जितना अन्य विधि से बोने में मिलता हैं।
शिवपुरी के सिंहनिवास के किसान धर्मेंद्र रावत के खेत पर सुपर सीडर के माध्यम से गेहूं की बोनी की गई। कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी और जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन भी मौके पर डेमो देखने के लिए पहुंचे। उन्होंने वहां उपस्थित अन्य किसानों से भी चर्चा की और का उपयोग, नैनो डीएपी और एनपीके खाद के उपयोग पर चर्चा की।
किसान धर्मेंद्र रावत ने बताया कि खेती में वह पिछले दो-तीन वर्षों से एनपीके का उपयोग कर रहे हैं और लगातार अच्छी फसल प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा सुपर सीडर के माध्यम से बीज बोने से से भी जो लाभ हो रहा है उसके बारे में भी उन्होंने अन्य किसान भाइयों को भी बताया है।
किसानों को बार-बार जुताई और बोनी करनी पड़ती है। सुपर सीडर के उपयोग से किसानों की लागत और समय दोनों की बचत होती है। इसके अलावा जो फसल अवशेष है उसका उपयोग इस खेत में खाद के रूप में होता है। इसलिए किसान भाई अधिक से अधिक सुपर सीडर को ही बोनी के लिए बढ़ावा दें।
मौके पर कृषि विभाग के उपसंचालक डॉक्टर यू एस तोमर के अलावा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय ग्रामीण जन भी उपस्थित थे।
कृषि विभाग के उपसंचालक ने बताया है कि जिले में खरीफ 2024 फसल कटाई कर सुपर सीडर, हैप्पी सीडर से कृषकों द्वारा 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वोवनी की जा चुकी हैं। कृषकों से आग्रह हैं कि कटाई के तुरन्त बाद सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर से बोवनी करें।