SHIVPURI NEWS - मिशन साहसी के ​तहत ABVP दे रही है 220 छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

Bhopal Samachar

पिछोर। अभाविप ने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिशन साहसी अभियान चला रहा है। शासकीय पीएमश्री स्कूल भौंती में में 220 छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग से पहले कार्यक्रम आयोजित कर मिशन साहसी का आगाज किया है। अभाविप तीन दिन तक आत्म रक्षा की ट्रेनिंग देकर छात्राओं को सर्टिफिकेट भी देगी। अभाविप की इस पहले से छात्राएं आत्मरक्षा के ना सिर्फ गुर सीखेंगे बल्कि असामाजिक तत्वों को सबक भी सिखा सकेंगी।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर अध्यक्ष अनिल कुमार झा ने बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मिशन साहसी अभियान चलाया जा रहा है। उसी क्रम में भौंती नगर की छात्राओं व बहनों को तीन दिवसीय सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। पीएमश्री स्कूल भौंती में बुधवार को आमंत्रित अतिथियों ने माता सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण कर मिशन साहसी अभियान की शुरुआत की।

 इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं व बहनों को मानसिक सशक्त बनाना व आत्मरक्षा के गुर सिखाना है। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में भौंती नगर की 220 छात्रा बहनों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस कार्यक्रम में सहभागी सभी छात्रा बहिनों को सर्टिफिकेट व मेडल संगठन द्वारा दिए जाएंगे।

हमारे देश के अंदर नारी शक्ति का सशक्त इतिहास

अभाविप प्रदेश सहमंत्री ने कहा कि छात्राओं और बहनों को लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के बारे में पढ़ना चाहिए। हमारे देश के अंदर नारी शक्ति का सशक्त इतिहास रहा है। मिशन साहसी कार्यक्रम अभाविप द्वारा छात्रा बहनों को साहसी बनाना है। कार्यक्रम शुभारंभ अवसर पर अभाविप के प्रांत सहमंत्री देशराज नारौलिया, भौंती थाना एएसआई जितेंद्र जाट, भी विभाग छात्रा प्रमुख सीमा ओझा, जिला संयोजक गौरव संयोजक दीपक पालवंशी मौजूद रहे।  राजपूत, भाग संयोजक दीपक पालवंशी मौजूद रहे।

छात्राएं निडर बने

अभाविप विभाग छात्रा प्रमुख सीमा ओझा ने छात्राओं को निडर व साहसी बनें। दूसरी छात्राओं को भी आत्मरक्षा के गुर सिखाएं, इसलिए ट्रेनिंग लेने वाली छात्राएं अभाविप की सदस्य ग्रहण करें। जिला संयोजक गौरव राजपूत ने अभाविप के संगठन की भूमिका रखी। भाग संयोजक दीपक पालवंशी ने बताया कि आज की नारी शक्ति को हमारे देश की क्रांतिकारी वीरांगनाओं के पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है।