SHIVPURI NEWS - शिवपुरी के जनमानस के धैर्य को प्रणाम, 3 साल से मौत वाली सड़क पर चल रहे है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। इस देश में सबसे धैर्य वाला जिलो का सर्वे किया जाए तो शायद शिवपुरी जिले को देश का प्रथम जिला घोषित किया जा सकता है,इतना धैर्य देश की किसी भी जिले के जनमानस में नही होगा जितना शिवपुरी में। शिवपुरी जिले में कई अतिमहत्वपूर्ण प्रोजेक्ट दशको लेट हो गए लेकिन शिवपुरी का जनमानस कोई विरोध नहीं करता,देश की सबसे धैर्यवान विपक्ष भी यही निवास करता है,वह भी कभी कभार अपनी नींद से उठता है और एकाध बयान जारी कर देता है वह भी जब कोई मीडियाकर्मी उसे फोन कर देता है।

शिवपुरी शहर के अति दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट सिंध जलावर्धन योजना दशको लेट है आज भी सिंध से निरंतर पानी नहीं मिल रहा है और शहर की सडको की हत्या करने वाला सीवर प्रोजेक्ट कभी शुरू होगा की नही,सफल होने में भी संशय है,लेकिन शिवपुरी के जनमानस के मुंह से आवाज भी नहीं निकलती है।

शिवपुरी से जनता पिछले 3 सालों से गड्ढे वाली सड़क पर चलने को मजबूर है यह सडक दो राज्यों को जोड़ता है। प्रतिदिन हजारों वाहन इस सड़क से निकलते है लेकिन जनमानस विरोध नही करता है। हम बात कर रहे है कोटा-झांसी फोरलेन बाईपास तिराहे से हवाई पट्टी वाली सड़क की। 12.50 किमी की झांसी लिंक रोड का काम कछुआ चाल से चल रहा है। 11 महीने में मात्र 4 किमी डामर बिछ पाया है।

20.58 करोड़ की लागत से 7 मीटर की झांसी लिंक रोड 10 मीटर चौड़ाई में डामरीकरण का टेंडर कर दिसंबर 2023 में वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। लेकिन जनवरी 2024 में पार्क अफसरों ने अपनी सीमा में 7 किमी में काम रुकवा दिया। गर्मियों का दौर खत्म हुआ और बरसात होते ही सड़क पर चलना मुश्किल हो गया।

मामले ने तूल पकड़ा तो पार्क अफसर पीछे हटने को मजबूर हुए और 7 किमी हिस्से में 7 मीटर चौड़ाई में डामरीकरण की शर्त पर मंजूरी दे दी। लेकिन अब पीडब्ल्यूडी की तरफ से समय पर सड़क का काम पूरा नहीं कराया जा रहा है। 11 महीने में महज 4 किमी में ही डामरीकरण हो पाया है। ठेकेदार का लगभग 3.50 करोड़ का बिल भुगतान नहीं हो पाया है।

इस कारण काम धीमी चाल से जारी है। इस तरह सड़क निर्माण में और देरी हो जाएगी। पीडब्ल्यूडी के स्थानीय अफसर सरकार से अलॉटमेंट की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। झांसी लिंक रोड के संबंध में   पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर केपीएस राणा से फोन पर संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने एक भी बार कॉल रिसीव नहीं किया।

अब पीडब्ल्यूडी के कारण काम हो रहा प्रभावित मुश्किल सड़क की डीपीआर बनी और साल 2023 में टेंडर बरसात में पानी से भरे गड्ढे, अब सड़क पर धूल ही धूल बरसात में सड़क गहरे व चौड़े गड्ढों में तब्दील हो गई थी। बरसात का दौर थमने के बाद अब सड़क पर धूल ही धूल उड़ती रहती है। ट्रक या बस जैसे ही निकलते हैं, पूरी सड़क पर भारी मात्रा में धूल के उठती ती नजर आती है। इ इस से बाइक सवारों को सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। है। गड्ढों की वजह से वाहनों में टूट फूट भी हो रही है। जिससे लोगों को हजारों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

पहले पार्क अब रोक हटी तो फंड का रोना रो रहे

पीडब्ल्यूडी अफसर र पहले पार्क पर सड़क नहीं बन पाने का ठीकरा फोड़ते रहे। अब जब पार्क की तरफ से रोक हट गई है, तो काम समय पर पूरा नहीं करा पा रहे हैं। सड़क समय पर नहीं बन पाने के लिए सरकार से अलॉटमेंट की बात कही जा रही है। अफसर फंड का रोना रो रहे हैं।

अगस्त 2021 की बाढ़ में सड़क उखड़ी, तब से दिक्कत

अगस्त 2021 के शुरुआती सप्ताह में लगातार दो दिन अतिवृष्टि के चलते भीषण बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में कोटा गांव के पास झांसी लिंक रोड डामर सहित कई जगह उखड़ गई। तभी से सड़क दुर्दशा का दंश झेल रही है। बमुश्किल सड़क की डीपीआर बनी और साल 2023 में टेंडर लगाए। विभाग ने वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया, लेकिन फंड के अभाव में सड़क का काम बुरी तरह प्रभावित हो गया।

जैसे ही अलॉटमेंट होगा, काम तेजी से शुरू करा देंगे

सड़क निर्माण में पेमेंट की समस्या आ रही है। सरकार से अलॉटमेंट होना है। करीब 3.50 करोड़ का बिल भुगतान रुका हुआ है। जैसे ही अलॉटमेंट होगा, बिल भुगतान कराकर काम तेजी से शुरू करा देंगे। मार्च 2025 तक सड़क बनकर कंप्लीट हो जाएगी। अभी 12.50 किमी में से 4 किमी में डामरीकरण हो गया है। पार्क वाले हिस्से में 7 मीटर चौड़ाई में डामरीकरण होगा। -  धर्मेंद्र सिंह यादव, ईई पीडब्ल्यूडी शिवपुरी