नरवर। शिवपुरी जिले की नरवर तहसील के गांव में निवास करने वाली एक 3 साल की मासूम की मौत झोलाछाप डॉक्टर के इलाज के कारण हो गई। इलाज के दौरान मासूम की जब हालत अधिक बिगड़ने लगी परिजन उसे नरवर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार नरवर तहसील के सोनर गांव में निवास करने वाले सिद्धार्थ जाटव की 3 साल की मासूम को पिछले 2 दिन से बुखार आ रहा था,मासूम की मॉ रानी जाटव उसे गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर राजकुमार कुशवाह के पास ले गई। मासूम की मॉ रानी जाटव ने बताया कि राजकुमार डॉक्टर ने उसका दो दिन तक इलाज किया,लेकिन उसकी हालत सुधरने का नाम नही ले रही थी।
जब बेटी की हालत अधिक बिगड गई तो उसने इलाज करने से मना करते कहा कि अब तुम इसको सरकारी अस्पताल ले जाओ,सुबह आठ बजे हम बेटी को टैंपू से नरवर के सरकारी अस्पताल लेकर आए।
जहां पहले पर्चा बनबाया और डॉक्टर के पास पहुंची तो डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शिवपुरी जिले में लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से मौत होने की खबर हर मिलती है,प्रशासन झोलाछाप डॉक्टर जब किसी के प्राण हर लेता है उसके बाद कार्रवाई करता है। शिवपुरी जिले में लगभग 1 हजार से अधिक झोला छाप डॉक्टर इलाज कर रहे है,जहां शिवपुरी शहर में 250 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक संचालित कर रहे है। यह डॉक्टर किसी भी पैथी से इलाज करने का पात्र नहीं है,फिर भी खुले आम यह डॉक्टर अपनी क्लीनिक संचालित कर रहे है लेकिन किसी भी आदमी के प्राण हरने स पूर्व इन डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई क्यो नहीं करता यह समय से परे है।