हार्दिक गुप्ता कोलारसनामा। कोलारस मंडी की प्रसिद्ध शिवपुरी जिले के साथ पडोसी जिले और सीमावर्ती राजस्थान के जिलों तक है। राजस्थान तक के किसान कोलारस की मंडी में अपनी फसल का विक्रय करने आता है,सैकड़ों ट्रैक्टर प्रतिदिन मंडी में फसलों से भरे आते है।
लेकिन मंडी प्रबंधन की 20 रुपए के कट्टे के रिश्वत का गणित के कारण कोलारस की मंडी की शाख मिट्टी में मिल रही है। कोलारस में जितना माल कोलारस की मंडी में बिकता है उससे अधिक माल कोलारस के व्यापारियों के सीधे गोदाम और फडो पर बिकता है। जो भी माल किसानों का मंडी के बहार बिकता है उसका 20 रुपए कट्टे के हिसाब से व्यापारी रिश्वत का हिसाब करते है।
20 रुपए कट्टे में मिलता है किसानों के शोषण का लाइसेंस
बताया जा रहा है कि कोलारस के व्यापारी और मंडी प्रबंधन के बीच 20 रुपए प्रति कट्टे की रिश्वत फिक्स है। किसानों का माल व्यापारी अपने सीधे गोदामो में खरीद करते है और किसानों को भाव सहित तौल में घुमाया जाता है। बताया जा रहा है कि कोलारस के सभी व्यापारियो के तौल काटो पर सालो से सील नही लगी है। इस 20 रुपए की रिश्वत शाम तक लाखों रुपए की रिश्वत में कन्वर्ट हो जाती है।
जीएसटी चोरी का बडा मामला है
कोलारस कृषि उपज मंडी के बाहर हो रही खरीदी से प्रतिदिन लाखों रुपए की टैक्स चोरी की जा रही है। जिससे मंडी प्रशासन को हर माह लाखों रुपए की क्षति पहुंच रही है,वही जीएसटी की चोरी भी हो रही है। कोलारस में व्यापारियों की इतनी अंधेर गर्दी चल रही है कि मंडी कर्मचारी चंद रुपयों के लालच में आकर खुलेआम टैक्स की चोरी करवा रहे हैं।
स्थिति यह है कि जब कोई किसान विरोध करता है तो विवाद पैदा कर व्यापारी डाक (बोली) बंद कर दी जाती है इस वर्ष मक्का की जोरदार आवक होने के बाद मंडी मे आए दिन झगड़े की स्थिति रही जिसके चलते डाक बंद रही , जब की अघोषित मंडी में फसल विक्रय होती रही।
गोदाम पर भी हो रही है फसल की तुलाई
कृषि उपज मंडी की जगह नगर के व्यापारी गोदाम पर किसानों को बुलाकर मंडी शुल्क चुकाए बिना ही उपज खरीद रहे हैं। जबकि मंडी प्रशासन व्यापारियों द्वारा सौदा पत्रक देने की बात कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। हालात ये है कि किसान अपनी बैलगाड़ी, ट्रैक्टर लेकर व्यापारी के गोदाम पर फसल तुलवाते नजर आ रहे हैं।
इन स्थानों पर चल रही है,अघोषित मंडी
कोलारस में कृषि उपज मंडी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में दुकानें बाहर लगाई जा रही हैं। यह समानांतर मंडी मोहरा रोड राई रोड, नगर का मुख्य एबी रोड, भडोता रोड, फोरलेन हाईवे सहित अन्य स्थानों पर लगाई जा रही है
एक दर्जन स्थानों से अधिक स्थानों में बिना रजिस्ट्रेशन के व्यापारी किसानों के माल को कम तोलते है और औने पौने दामों पर फसल खरीदते हैं,साथ में तौल करने पर भी किसान को नुकसान पहुंचाते है। इसके अलावा शासन को भी बड़े पैमाने पर शुल्क हानि पहुंचाई जा रही है।
किसान विनोद दांगी ने बताया कि मंडी में भीड़ होती है और चाहे जब विवाद हो जाता है जिससे डाक बंद कर दी जाती है इसलिए हम मजबूर होकर अपनी फसल कम दामों में मंडी के बाहर खरीदी कर रहे व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है।