भोपाल। मध्य प्रदेश के शिवुपरी-श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में अफ्रीकी चीता नीरवा के चार शावकों के जन्म के कुछ ही दिन बीते थे कि उनमें से दो की मौत की दुखद खबर सामने आई है। एक अधिकारी ने बताया कि श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बुधवार को अफ्रीकी चीता नीरवा के दो शावक मृत पाए गए। चीते की आवाजाही पर नजर रखने वाले वन कर्मियों की एक टीम को मृत शावकों के क्षत-विक्षत शव मिले हैं।
अधिकारी ने बताया कि टीम को रेडियो टेलीमेट्री के जरिए संकेत मिले थे कि नीरवा अपने मांद से दूर है। इसके बाद टीम के कर्मचारी पशु चिकित्सकों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने अंदर दो शावकों के क्षत- विक्षत शव पाए। बोमा (बाड़े) में सभी संभावित स्थानों का निरीक्षण करने के बाद टीम के कर्मचारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वहां किसी और चीता शावक के अस्तित्व के बारे में कोई सबूत नहीं मिला।
परियोजना चीता निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने कहा कि निरीक्षण के दौरान बोमा के अंदर कोई अन्य चीता शावक नहीं मिला। इससे पता चलता है कि नीरवा ने केवल दो शावकों को जन्म दिया था। दोनों नवजात शावकों की डेडबॉडी का गुरुवार को नियमों के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। मृत शावकों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद ही शावकों की मौत की वजह पता चलेगी।
अधिकारी ने बताया कि नीरवा समेत सभी वयस्क चीते और कुनो पार्क में बाकी बचे 12 शावक स्वस्थ हैं। इनमें से 12 शावकों के जीवित रहने के बाद, केएनपी में चीतों की संख्या पिछली बार 24 बताई गई थी। गौर करने वाली बात यह कि सोमवार को नीरवा द्वारा जन्म दिए गए शावकों की सही संख्या को लेकर असमंजस की स्थिति देखी गई।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले अपने पोस्ट में कहा कि नीरवा ने 4 शावकों को जन्म दिया है, लेकिन बाद में पोस्ट को हटा दिया। उनका कहना था कि वन विभाग ही नवजात शावकों की सही संख्या बताएगा। वहीं वन विभाग ने केएनपी में चीता शावकों के जन्म की सूचना दी थी लेकिन उनकी सही संख्या नहीं बताई थी। वन विभाग ने 'एक्स' पर कहा था कि कूनो में मादा चीता नीरखा ने शावकों को जन्म दिया है।