SHIVPURI NEWS - मोती सागर तालाब का पानी हुआ जहरीला, मर रही है मछलियां, सैंपल लिया

Bhopal Samachar

पिछोर। शिवपुरी जिले के पिछोर नगर में ऐतिहासिक किले व टेकरी हनुमान मंदिर के पास मौजूद प्राचीन मोती सागर तालाब में बीते दो दिन से बड़ी तादाद  में छोटी- बड़ी मछलियों सहित अन्य जीव जंतु मर रहे है। मंगलवार को कई मृत मछलियां तालाब किनारे नजर आई तो आनन-फानन में नगर पंचायत ने पीएचई विभाग के सहयोग से पानी का सेम्पल लेकर
जिला कार्यालय जांच के लिए भेजा है।

अंदेशा है कि तीन दिन पूर्व तालाब में बड़े पैमाने पर माता की प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ था और उन प्रतिमाओं में से निकले किसी केमिकल से इन मछलियों की मौत हुई है।

पिछोर कस्बे सहित आसपास के गांव के लोगों ने दशहरे के दिन बड़ी-बड़ी लगभग 150 से अधिक देवी मूर्तियो का विसर्जन मोती सागर तालाब में किया था। इसी तालाब में गणेश प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया गया था। इन प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद मंगलवार को तालाब में बड़े पैमाने पर मृत मछलियां तैरती नजर आई।

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मूर्तियों में लगे केमिकल से पानी दूषित होने के कारण इन मछलियों की मौत हुई है। मुख्य नगर पंचायत अधिकारी आनंद शर्मा भी इस बात की पुष्टि कर रहे है कि मूर्तियों में लगे केमिकल से पानी खराब हुआ है और इसलिए हमने पीएचई विभाग के माध्यम से पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा है।

साथ ही मृत मछलियों को दफनाने की कार्रवाई की जा रही है और तालाब से कचरे को भी साफ कराने का काम कर रहे हैं। इधर स्थानीय लोगों का कहना है कि खतरा केवल मछलियों के मारे जाने का ही नहीं है, बल्कि इन मछलियों को भोजन में उपयोग करने वाले लोग भी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। इधर नगरवासी तालाब में विषैला पानी के प्रभाव को देखकर नहाने से भी कतरा रहे हैं।

हर दिन हो रहा हजारों का नुकसान

तालाब में मछली पकड़ने का ठेका लेने वाले आदर्श मत्स्य उद्योग सहकारी संस्था मर्यादित पिछोर के अध्यक्ष नंदकिशोर ने बताया कि दो दिन से मछलियां मरने से हम काफी परेशान है। हर रोज हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।

अब सभी को पता चल गया है तो इस तालाब की मछली भी कोई नहीं खरीदेगा। हर दिन 10 से लेकर 15 किलो वजन की मछली मर रही है। हमने नगर पंचायत में आवेदन दिया है। इस मामले की जांच कराई जाए।

इनका कहना है

तालाब में मछली मरने के दो कारण हो सकते हैं। पानी में ऑक्सीजन की कमी या फिर तालाब में कहीं से कोई गंदा पानी या कैमिकलयुक्त पानी आना। पानी की जांच रिपोर्ट आने के बाद हकीकत सामने आएगी।
देवेन्द्र सिंह सचान, इंस्पेक्टर मत्स्य विभाग शिवपुरी।

हमने तालाब के पानी का सैंपल लेकर जिला मुख्यालय स्थित जल परीक्षण प्रयोगशाला पहुंचा दिया है। एक या दो दिन में जांच रिपोर्ट आने के बाद सही स्थिति का पता चल पाएगा।
आशीष परिहार, सब इंजीनियर, पीएचई विभाग, पिछोर