SHIVPURI NEWS - बोले भोले की में सहअध्यक्ष हूं, किस सच्चाई का उजागर होने का डर है

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने 17 अक्टूबर BJP की नगर परिषद अध्यक्ष के पास नहीं है अपना मोबाइल नंबर, बंधक है लोकतंत्र शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था इस खबर का आशय था कि बदरवास में नगर परिषद अध्यक्ष पर अपना मोबाइल तक नहीं है,ऑफिस नहीं जाती है फिर जैसे  जनता और अध्यक्ष के बीच कैसे संवाद सेतु बनता होगा सवाल बडा है यहां परिषद का लोकतंत्र खतरे में है।

बदरवास नगर परिषद की अध्यक्ष प्रयाग बाई का मोबाइल नंबर ज्ञात करने के लिए बदरवास नगर परिषद के लगभग 10 पार्षदों को मोबाइल लगाकर पूछा गया कि आपकी अध्यक्ष का मोबाइल नंबर क्या है,लेकिन किसी पार्षद ने अध्यक्ष का नंबर नहीं दिया,पार्षदों ने कहा कि अध्यक्ष अपना मोबाइल नही है। किसी पार्षद ने उनके पति का नंबर दिया तो किसी पार्षद ने बदरवास की परिषद के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र यादव भोले का मोबाइल नंबर दिया कहा कि अध्यक्ष निष्क्रिय है और अध्यक्षीय भोले यादव ही करते है।

पहले आप समझे बदरवास नगर परिषद का गणित

बदरवास नगर परिषद 1994 में आरक्षित सीट हुई थी यह सीट  SC/ST के लिए आरक्षित है,1994 से अब तक सीट पर 6 बार चुनाव हुए है और इसमे चार बार अध्यक्ष श्रीमति प्रयाग बाई चुनी गई है और 2 बार प्रयाग बाई के पति बद्री प्रसाद परिहार अध्यक्ष है। यह फैमिली पिछली बार 6 बार से अध्यक्ष है और प्रधानमंत्री आवास योजना आवास से मिले एक आवास में अपने फार्म हाउस में निवास करती है अध्यक्ष का शौचालय भी अभी कुछ पहले ही बना है।

अध्यक्ष फैमिली की लाइफ स्टाइल नहीं बदली है

बदरवास की यह फैमिली पिछले 6 बार से अध्यक्ष हैं,इस फैमिली पर अपनी एक फोर व्हीलर नहीं और हां अध्यक्ष के नाम पर नगर परिषद ने एक ड्राइवर दे रखा है लेकिन वह अध्यक्ष की गाड नहीं चलता बल्कि बदरवास के एक नेताजी की गाडी पर यह ड्राइवर चलाते है।

15 वर्कर साहब के यहां है शोभायान

बताया जा रहा है की नगर परिषद में 15 कर्मचारी ऐसे तैनात है जो नगर परिषद और पब्लिक का काम नही करते है बल्कि परिषद पर अघोषित कब्जा करने वाले साहेब के घर चाकरी कर रहे है,अब विरोधी भी एक जुट होने लगे है और बदरवास नगर पंचायत के ऐसे कई मुर्दे उखडने वाले है।

अध्यक्ष के मोबाइल नंबर की खोज में आया उपाध्यक्ष भोले का फोन

शिवपुरी समाचार की टीम अध्यक्ष श्रीमती प्रयाग बाई के नंबर की खोज करते करते अध्यक्ष पति बद्री प्रसाद परिहार के मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया। यह वही मोबाइल नंबर है जो पार्षदों की लिस्ट में प्रयाग बाई के नाम के आगे लिखा गया है और कुछ पार्षदों ने यह नंबर दिया था।

इस नंबर पर कॉल किया तो परिषद की अध्यक्ष प्रयाग बाई के पति ने फोन उठाया उन्होने भी अध्यक्ष से बात नहीं कराई,एक नंबर दिया उस नंबर पर कॉल किया गया तो उस नंबर पर भी अध्यक्ष से बात नही हो सकी।

कुल मिलाकर मौज में है भोले भाई

देश और प्रदेश की सरकार महिलाओं की उन्नति के लिए आरक्षण की बात करती है,बडे बडे प्रोग्राम सरकारे महिला सशक्तिकरण के लिए करती है,लेकिन बदरवास में नगर निकाय परिषद की अध्यक्ष के पास एक मोबाइल नहीं है,किसी भी सरकारी कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन नहीं होता है अध्यक्ष प्रयाग बाई को कार्यक्रम में बुलाया नही जाता है जहां तक भाजपा के आयोजन में भी भाजपा की अध्यक्ष प्रयाग बाई को अपेक्षित किया जाता है कुल मिलाकर अध्यक्ष को कठपुतली की तरह चलाने वाले नेताजी का हित तो साफ दिखता है कि लेकिन भारतीय जनता पार्टी को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए,क्यो की पार्टी सुचिता की बात करती है लेकिन यहां अपनी ही पार्टी के निकाय अध्यक्ष को उपेक्षित कर रही है।

भोले नेताजी ने निकला एक नया पद

बदरवास नगर परिषद के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र यादव उर्फ भोले ने संविधान से हटकर ही अपने लिए एक गरिमायी पद का निर्माण कर लिया। वह अपने आप को उपाध्यक्ष नही निकाय का सह अध्यक्ष कहते है। अभी तक आपने नगर निकाय के पदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद सुना होगा लेकिन भोले ने सह अध्यक्ष का पद अपने लिए सुशोभित कर लिया है।

इस बात पर जब मोहर लगी जब शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की टीम मोबाइल पर निकाय की अध्यक्ष प्रयागबाई से बात करने की कोशिश कर रही थी,उसके बाद शिवपुरी समाचार के आफिस में भोले यादव का फोन आया और बोले की आप एक महिला को बार बार फोन करके परेशान कर रहे है, इधर से बोला गया कि अभी तक बात की नहीं हुई है और परेशान कैसे कर सकते है।

श्रीमती प्रयाग बाई नगर निकाय की अध्यक्ष है एक मोबाइल भी नहीं है क्या वह किसी से मोबाइल से बात नही करती है, इधर श्रीमान भोले यादव बोले मैं भी परिषद का अध्यक्ष हूं आप मेरे से बात करे, भोले से कहा गया कि केवल अध्यक्ष से बात करनी है आप अध्यक्ष नही है भोले फिर बोले में सह अध्यक्ष हूं आप मेरे से निकाय के विषय में किसी विषय की जानकारी ले सकते है मेरे पर भी संवैधानिक पद है, भोले से कहा गया कि आप अध्यक्ष नही है हमे केवल अध्यक्ष से बात करनी है, किसी भी स्थिति में भोले यादव ने अपनी अध्यक्ष से बात नही होने दी।

कुल मिलाकर बदरवास निकाय के उपाध्यक्ष और स्वयं भू सह अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह यादव नहीं चाहते कि मीडिया अध्यक्ष से बात करे,अब निकाय की अध्यक्ष है जनता और मीडिया को अध्यक्ष से बात करने का अधिकार है सवाल करने का अधिकार है लेकिन भोले क्यों इस अधिकार के बीच रोड़ा बन कर खड़े हुए थे,किस सच्चाई को उजागर होने से भोले डर रहे है यह समझ से परे है लेकिन बदरवास में परिषद का लोकतंत्र खतरे में है,यहां लोकतंत्र यादव नेताओं के यहां बंधक बना हुआ है इसका यह जीता जागता प्रमाण है।