शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय ने शुक्रवार को फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा ग्राम चंदनपुरा में आयोजित किया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया। स्वास्थ्य शिविर में मेडिकल कालेज के समस्त विभागों के वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद रहे। जिनकी निगरानी में इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान एमबीबीएस के प्रत्येक छात्र -छात्राओं द्वारा हर एक घर को गोद लिया।
इस दौरान अधिष्ठाता डॉक्टर डी.परमहंस ने एमबीबीएस छात्र - छात्राओं द्वारा गोद लिए हुए परिवारों से भी उनके घर जाकर स्वास्थ्य संबंधित चर्चा की और शासन की योजनाओं से अवगत कराते हुए हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश अहिरवार ने बताया कि अधिष्ठाता डॉक्टर डी.परमहंस के मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर में दो सैकड़ों मरीजों ने पहुंचकर परीक्षण कराया। शिविर में अस्थिरोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल्य एवं शिशु रोग, नेत्र रोग, शल्य चिकित्सा, ई.एन.टी., जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी।
बैच 2022-23 के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं द्वारा परीक्षण कर घर - घर जाकर स्थानीय लोगों को शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा आए हुए स्थानीय लोगों को निशुल्क दवाइयां वितरित की गई। कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश अहिरवार के नेतृत्व में किया गया। शिविर का संचालन डॉ. आनंद राजपूत द्वारा किया गया।
इस दौरान डॉक्टर मानबहादुर राजपूत, डॉक्टर प्रदीप दोहरे, डॉक्टर शैलेंद्र रावल,चंद्रश धाकड़ सहायक पीआरओ राहुल अष्ठाना, प्रशिक्षु चिकित्सक, एमबीबीएस 2022-23 के छात्र-छात्राओं सहित चंदनपुरा गांव सरपंच आरती धाकड़ पति संजय धाकड़, उप सरपंच दर्शन धाकड़, सचिव नीलेश दुबे, सहायक सचिव प्रकाश रावत,पूर्व सरपंच विजय धाकड़, पंचायत चौकीदार गजनलाल सेन उपस्थित रहे।
फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम में ये है खास
हर महीने घर घर जाकर बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया देने का प्रयास।
गांवों में चिकित्सा शिविर लगाना होगा। छात्र अपनी देखरेख में बीमार व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराएंगे।
पूरे कोर्स के दौरान गोद लिए हुए परिवारों की सेहत का पूरा ख्याल रखेंगे।
ऐसे परिवारों की पहचान जहां कुपोषित, एनिमिक बच्चा हो या हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय या किडनी के मरीज हों।
सरकारी योजनाओं के तहत निशुल्क इलाज की व्यवस्था करेंगे।