सोनू सैन @ अमोला। शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग के अमोला थाना सीमा में स्थित अमोला क्रमांक-1 में रहने वाले एक 12 साल के युवक की बीमारी के कारण मौत हो गई। बालक की मौत के बाद उसकी लाश 6 घंटे तक घर में रखी रही और उसकी मॉ अपने बेटे की लाश के पास विलाप करती रही,पड़ोसी और रिश्तेदार उसके बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारी नहीं कर रहे थे,अकेली मॉ अपने लाल को कैसे मुक्तिधाम ले जाए।
जब मामले की जानकारी सिरसौद सरपंच अतर सिंह लोधी को लगी तो वह अमित के घर पहुंचे और उसकी मां काजल से बात कर वस्तुस्थिति को समझा। अतर सिंह लोधी ने अमित के चाचा-ताऊ को अंतिम संस्कार के लिए बुलवाया परंतु उन्होंने आने से इंकार कर दिया। अंततः अतर सिंह लोधी एक ऑटो में शव को रखवा कर शमशान ले गए और अमित का अंतिम संस्कार किया।
बुखार के कारण गई 12 साल के बालक की मौत
जानकारी के अनुसार अमोला क्रमांक 1 में निवास करने वाली 2 बच्चों की मॉ काजल का बड़ा बेटा अमित पांडे कही बाहर मजदूरी करने गया था,वहां उसकी तबीयत खराब हो गई। जब मॉ को पता चला तो वही उसे वापस लेने गई थी और रास्ते में उसकी तबीयत और खराब हो गई और उसकी मौत हो गई। आटो चालक वृद्ध महिला और उसकी बेटे की लाश को उसके घर छोड कर चला गया।
अतर सिंह का कहना है कि अशोक पांडे ने करीब 15 साल पहले आदिवासी महिला काजल से प्रेम विवाह कर लिया था,इस विवाह से उसके 2 बच्चे हुए थे। ब्राह्मण ने आदिवासी महिला से शादी कर ली इस कारण अशोक पांडे के परिवार सहित पूरे ब्राह्मण समाज ने उसका बहिष्कार कर दिया। वही काजल के परिवार और आदिवासी समाज ने भी दोनो का बहिष्कार कर दिया। इस परिवार के यहां दोनों में से कोई भी समाज नहीं आता है।
दो दिन तक घर में रखा रहा था अशोक का शव
अतर सिंह के अनुसार कोरोना काल में अशोक पांडे की भी कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। उस समय अशोक का शव भी दो दिन तक घर में रखा रहा, परंतु कोई कोई उसका अंतिम संस्कार करने नहीं आया। तब भी उसी ने इसी तरह शव को श्मशान पहुंचवा कर उसका अंतिम संस्कार करवाया था।