शिवपुरी। शिवपुरी जिले का सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन डॉक्टरों की लापरवाही भरी खबरें मिल रही है। यहां लापरवाही के सजा मरीजों को मौत के रूप में मिलती है। आज ऐसा ही मामला सामने आ रहा है कि बीती देर रात अस्पताल में एक संजय कॉलोनी के युवक को अस्पताल लाया गया। परिजनों का आरोप था कि वह आधा घंटे तड़पता रहा,लेकिन किसी डॉक्टर ने उसे हाथ तक नहीं लगाया जिससे उसकी मौत हो गई।
इस पर परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए ट्रॉमा सेंटर में जमकर हंगामा किया। हंगामे की सूचना देकर मौके पर पुलिस बुला ली गई थी। इसके बावजूद डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए परिजन हंगामा करते रहे। करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में हंगामा चलता रहा। बाद में पुलिस की समझाइश के बाद परिजन शव ले जाने को राजी हुए।
जानकारी के मुताबिक वार्ड 35 संजय कॉलोनी के रहने वाले सुरेश रजक उम्र 45 साल को घबराहट हुई थी। रात 10 बजे परिजन सुरेश को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे, लेकिन 30 मिनट के बाद साढ़े 10 बजे उसकी मौत हो गई। बता दें कि करीब डेढ़ घंटा तमाशा चलता रहा। बाद में जब पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन परिजन पोस्टमार्टम को राजी नहीं हुए और शव घर ले गए।
पुलिस को बताए लापरवाही के वीडियो, डॉक्टर को घेरा
परिजनों ने ट्रॉमा सेंटर में हंगामा करते हुए डॉक्टर को घेर लिया था। पुलिस ने दरवाजे पर जैसे तैसे परिजनों को रोक लिया। परिजनों ने कुछ देर पहले बनाया हुआ एक वीडियो पुलिस को दिखाया। जिसमें मरीज को लाते वक्त ट्रॉमा सेंटर में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। वीडियो में मरीज डॉक्टर के इंतजार में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।
पुलिस को ट्रामा सेंटर में किसी के भी न होने का वीडियो दिखाया
इधर इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर बीएल यादव का कहना हैं कि मरीज को गंभीर हाल में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टर ने इलाज भी शुरू किया था। मरीज को हाइपरटेंशन सहित उसे डायबिटीज थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टर हमेशा बचाने का ही प्रयास करता हैं।
अन्य मरीज के अटेंडर ने भी डॉक्टर पर लगाए आरोप
जिला अस्पताल में अन्य मरीज के अटेंडर काशीराम शाक्य ने बताया कि वह अपने मरीज मिट्टू शाक्य को जिला अस्पताल लेकर इमरजेंसी में पहुंचा था। लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी कोई डॉक्टर ट्रॉमा सेंटर में मौजूद नहीं था।