शिवपुरी। जिले के अधिकारी कर्मचारियों में रविवार की शाम उस समय हड़कंप मच गया जब अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा कोलारस सहित करीब 25 वाट्सएप ग्रुपों में एक नंबर से कुछ अश्लील तस्वीरें शेयर की गईं। जिस नंबर से यह तस्वीर पोस्ट की गईं वह किसी पटवारी का नंबर बताया जा रहा है।
इस ग्रुप में जुड़े कर्मचारियों ने जब इन फोटो पर आपत्ति जताना शुरू किया तो संबंधित कर्मचारी को बुलाकर कई ग्रुपों में पहुंच चुकी इन संदिग्ध और अश्लील तस्वीरों को डिलीट कराया गया। यह अश्लील तस्वीरें अधिकारियों और कर्मचारियों में चर्चा का विषय बनी रहीं।
एक दिन से लेकर तीन साल तक की सजा का प्रावधान
एडवोकेट राजेंद्र यादव के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति इंटरनेट मीडिया साइट्स या सोशल ग्रुप में आपत्तिजनक तस्वीर या कमेंट पोस्ट करता है तो उस ग्रुप के एडमिन पर साइबर कानून के तहत अपराध दर्ज हो सकता है। गलत संदेश प्रसारित होने पर समाज या व्यक्ति की भावना आहत हुई तो संदिग्ध आरोपित को साइबर कानून के तहत जेल हो सकती है।
इसमें एक दिन से लेकर तीन साल तक की सजा का प्रविधान है। इसी के साथ तीन लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक आर्थिक दंड का भी प्रावधान है। जिस ग्रुप में इस तरह की पोस्ट प्रसारित होगी, उसके एडमिन और मैसेज देने वाले सदस्य दोनों को भी सजा हो सकती है।
मैं अभी थाने में ही बैठा हूं, मामले की जांच करा रहा हूं
कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि सोशल ग्रुपों पर अश्लील तस्वीरें पोस्ट करने के मामले में इस मामले की मैं जांच करा रहा हूं। चूंकि यह घटना दो तीन कर्मचारियों के साथ घटित हुई है। क्योंकि उनके पास यह लिंक आई जिस थी। जिस पर क्लिक करते ही यह उनके मोबाइल में जुड़े सभी वाट्सएप ग्रुप पर अश्लील तस्वीर प्रसारित हो गई। जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मैं अभी थाने में ही बैठा हूं।