हार्दिक गुप्ता @ कोलारसनामा। कोलारस की जेल कॉलोनी में स्थित रेशम केन्द्र में वर्षो पुराने हरे भरे पेड काटने का मामला संज्ञान में आया है,लावारिस हुआ रेशम केंद्र में पेड़ काटने वाले माफियाओं की नजर पड़ी और उन्होंने पेड़ों की हत्या करने वाले उपकरणो को लेकर जिंदा पेड़ों पर चला दिया। मामला राजस्व की डायरी से होता हुआ पुलिस की चौखट पर अब मामले की गुहार लगा रहा है। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब पेड़ों को काटने वाले लोग कोलारस विधायक के पास पहुंच गए,और बचने की गुहार लगाते नजर आ रहे थे।
पहले समझे मामले को
कोलारस में जेल रोड पर स्थित रेशम केन्द्र पर बीते रोज आम जनो ने पेड़ों को काटते देखा और इस मामले की सूचना तहसीलदार को दी गई। बताया जा रहा है कि तहसीलदार ने पटवारी और आरआई को मौके पर पहुंचाया। बताया जा रहा है कि यह पेड़ काटने वाले लोग संख्या में 4 थे और एक ट्रैक्टर 2 पेड काटने वाली मशीन और एक चैन पुली लेकर आए थे।
जानकारी मिल रही है कि पेड काटने वाले लोग पटवारी और आरआई दादागिरी दिखाने लगे,आरआई और पटवारी ने तत्काल पुलिस को सूचना दी,मौके पर पहुंची पुलिस को देखकर पेड़ काटने वाले लोग फरार हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने 01 टैक्टर,2 मशीन और चेन पुली जब्त की है,हालांकि अभी पेड़ काटने वाले ज्ञात नहीं थे इस कारण अभी पुलिसिया कार्रवाई नहीं की गई।
स्थानीय लोगों ने लगाए पार्षद पति पर आरोप
रेशम केंद्र में पेड़ काटने के मामले में स्थानीय लोगों द्वारा वार्ड के पार्षद पति पर आरोप लगाए हैं कि लकड़ी माफिया के साथ मिलकर यह रेशम केंद्र के हरे भरे पेड़ों को कटवा रहा था हमारी शिकायत पर पटवारी पुलिस ने माफियाओं को रंगे हाथ पकड़ा और ट्रैक्टर ट्राली को थाने में रखवा दिया लेकिन पेड़ काटने वाले भाग गए ।
पार्षद पति सहित लकड़ी माफिया पहुंचे विधायक की जनसुनवाई में गुहार लगाने
कोलारस विधायक महेंद्र सिंह यादव द्वारा कोलारस नगर के रेस्ट हाउस में जन समस्या सुनी जा रही थीं तभी वहा पहले से मौजूद पार्षद पति संजीव चंदेल एवं पेड़ काटने वाले लोगों द्वारा विधायक के समक्ष ट्रैक्टर को छुड़वाने को लेकर यह कहकर गुहार लगाई कि पेड़ इसलिए काटे जा रहे थे क्योंकि पेड़ बेचकर राशि से मंदिर बनवाना है जिस पर विधायक ने यह कहते हुए पलड़ा झाड़ दिया कि मंदिर ही बनवाना था तो चंदा इकट्ठा करते पेड़ काटना अपराध है,सूत्रों के अनुसार रेशम केंद्र में पेड़ काटने के मामले में 36 घंटे से अधिक होने के बावजूद अभी तक एफआईआर नहीं हुई है।