SHIVPURI NEWS - शिक्षा विभाग को लकवाग्रस्त कर रही है अटैचमेंट वाली बीमारी, DM का इलाज बेअसर

Bhopal Samachar

शिवपुरी। प्रशासनिक व्यवस्था में अटैचमेंट नाम का शब्द सरकारी नौकरी को आराम मोड में परिवर्तित कर देता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमे शिक्षा विभाग मे देखने का मिलता है। कलेक्टर शिवपुरी ने शिक्षा विभाग के अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश स्पष्ट रूप से जारी किए हैं। बावजूद इसके खनियाधाना में दर्जनों शिक्षक अपनी मूल पदस्थापना वाले स्थल से अन्यत्र अपनी सुविधा अनुसार स्कूलों में अटैच हो गए हैं।

सब कुछ अधिकारियों के संज्ञान में होते हुए भी वह अनजान बने हुए हैं। जब इस संबंध में बीईओ प्रकाश सूर्यवंशी से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके यहां पर 38 गैर शिक्षकीय शालाएं हैं, वहां पर उन्होंने शिक्षक की व्यवस्था करने के लिए शिक्षकों को अटैच किया हुआ है।

उनकी जानकारी में इसके अलावा कहीं कोई शिक्षक अटैच नहीं है। अगर कोई शिक्षक अटैच है तो उसकी जानकारी लेकर वह उनका अटैचमेंट समाप्त कर उन्हें उनकी मूल पदस्थापना वाले विद्यालय में भेजेंगे।

कई स्कूलों में खराब होगा रिजल्ट

अटैचमेंट के चलते कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के कारण बच्चों के कोर्स अधूरे पड़े हुए हैं। अगले महीने छमाही परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। ऐसे में बच्चों का रिजल्ट खराब होना लगभग तय है। इन अटैचमेंट का सबसे खराब असर कक्षा 5 और कक्षा 8 के विद्यार्थियों के रिजल्ट पर पड़ना तय है।

यह शिक्षक सुविधा शुल्क चुकाकर सुविधा वाली जगह

आशा शर्मा को पीएस कमलपुर से रमपुरा स्कूल में अटैच किया से गया है, बताया जा रहा है कि कमलपुर स्कूल उनके घर से ज्यादा दूर था, जबकि रमपुरा की दूरी कम है।

मोनिका पाराशर को पीएस रमपुरा से रही स्कूल में अटैच कर दिया गया है क्योंकि मोनिका ग्राम रही की ही रहने वाली हैं। इसी प्रकार से राखी  कोली एमएस ओड़ी से पोठियाई, बाबूलाल अहिरवार एमएस ओड़ी से उत्कृष्ट बालक, ऋतू गुप्ता पीएस अछरोनी से मोटा हार, देव कुमार पंडा पीएस हरी नगर से आदिवासी पीपलखेड़ा, देवेन्द्र बिसेन कन्या हाई स्कूल, प्रियंका रावत पीएस महुआ से खनियाधाना, दीक्षा गौतम पीएस दशेरिया से पीएस चरकोला, डिंपल परिहार पीएस विजयपुर से पीएस नयाकुआं, श्याम गुप्ता पीएस पीपलखेड़ा से बीईओ कार्यालय, शिवा खान पीएस नयागांव से किशनपुरा, रानी यादव पीएस पोटा से पीएस ममरौनी, अनिल शर्मा एमएस बामोरकलां से पीएस वनखेड़ा अटैच हैं। इसके अलावा भी अटैच शिक्षकों की सूची काफी लंबी है ।

इनका कहना है
जिस समय आदेश जारी किया था, अटैचमेंट समाप्त कर दिए गए थे। अगर इसके बाद भी कुछ रह गए हैं तो मैं दिखवाता हूं। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर ।