काजल सिकरवार @ शिवपुरी। असत्य पर सत्य का प्रतीक रावण दहन की तैयारियां अब लगभग पूर्ण हो चुकी है। शिवपुरी शहर में इस बार तीन स्थानो पर रावण का जलाया जाऐगा। आप तीनो स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम देख सकते है सबसे पहले सिद्धेश्वर के रावण का भगवान राम वध करेंगे,इस सिद्धेश्वर वाले रावण के वध का समय शाम सात बजे निर्धारित किया है। दूसरी जगह रावण का वध गांधी पार्क में किया जाऐगी।
यह शहर का सबसे ऊंचा रावण का पुतला होगा और इसकी ऊंचाई लगभग 90 फुट बताई जा रही है,शहर के सबसे विशाल रावण का वध शाम 8 बजे होगा। वही सबसे बाद में वही काली माता मंदिर वाले रावण के पुतले दहन का दहन होगा यह समय रात 8ण्30 बजे का होगा। आप तीनो रावणो के दहन के कार्यक्रम में भाग ले सकते है।
सिद्धेश्वर वाले रावण की कथा। पंजाबी परिवारों ने शुरू की परंपरा
आजादी से पहले जब पंजाबी परिवारों का शिवपुरी में आगमन हुआ था तब हैं। अंगुलियों पर गिनने वाले परिवार शहर में थे। ऐसे में लोगों से आपसी मेलजोल बढ़ाने और बुराई पर अच्छाई के प्रतीक रावण दहन के कार्यक्रम को चंद लोगों के बीच बुजुर्गों ने मनाया। तब से लेकर अब 3 तक 75 साल बीत गए और हमारी यह परंपरा आज भी जारी है। इस बार हम 51 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन करेंगे। यह बात पंजाबी विकास परिषद के अध्यक्ष सुनील भुगड़ा ने मीडिया से बातचीत में कही।
उन्होंने बताया कि उस दौर में डॉ डी सी चौधरी,डॉ राजेंद्र नाथ ढींगरा, समाजसेवी छिब्बर साहब,मिलापचंद विरमानी सहित हमारी पंजाबी समाज के वरिष्ठ जनों ने रावण के पुतले दहन का कार्यक्रम शुरू किया था। बुजुर्गों की 7 दशक पुरानी इस याद को हम आज भी सहेजे हुए हैं और इस बार भी हम
रावण दहन का आयोजन सिद्धेश्वर मेला ग्राउंड में करेंगे।
जिसमें शनिवार को शाम 4 बजे से जल मंदिर से राम लक्ष्मण के पात्र बने कलाकारों का जुलूस प्रारंभ होगा जो आर्य समाज रोड, कोतवाली, कोर्ट रोड, माधव चौक होते हुए शाम 7 बजे सिद्धेश्वर मेला ग्राउंड पहुंचेगा जहां रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित होगा।
मारवाड़ी समाज वाले काली माता मंदिर के रावण की कथा
मारवाड़ी समाज के उत्सव प्रमुख पंकज गर्ग ने बताया कि उनके पूर्वज जब माधो महाराज के कहने पर शिवपुरी आकर बसे थे तब उस समय की पीढ़ी के मारवाड़ी समाज के वरिष्ठ जन रामेश्वर दयाल मित्तल, मिंटू लाल गर्ग, श्रीनिवास मित्तल, विशंभर अग्रवाल बताया करते थे कि हमने रावण दहन की परंपरा शहर में शुरू की है। जो आज भी जारी है। नरसिंह मंदिर से जुलूस रात 7 बजे प्रारंभ होगा जो माधव चौक, गुरुद्वारा से तारकेश्वरी कॉलोनी से नीलगर चौराहे से काली माता मंदिर पहुंचेगा जहां 8.30 बजे 40 फीट ऊंचे रावण का दहन होगा।
मानव वेलफेयर वाले रावण की कथा।
मानव वेलफेयर सोसायटी पिछले 3 साल से रावण दहन की प्रक्रिया गांधी पार्क मैदान में करती आ रही है। इस बार भी यह प्रक्रिया विजयादशमी के अवसर पर शनिवार रात 8 बजे से होगा। इसमें पहली बार 90 फीट ऊंचे रावण का दहन करने की तैयारी की जा रही है। आतिशबाजी कलाकारों के साथ चित्रकार शुक्रवार को रावण के चेहरे को अंतिम रूप देते नजर आए।
खास बात यह है कि गांधी पार्क मैदान में शनिवार रात 8 बजे आयोजित होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में आतिशबाजी शिवकाशी से विशेष रूप से मंगाई गई है। इसके साथ ही रावण के 10 सिरों में चकरी और देशी आवाज के धमाके इस बार आकर्षण का केंद्र रहेंगे।