शिवपुरी में एड्स से मरने वाले मरीज का हेल्थ बुलेटिन जारी,खबर का खंडन भेजा

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट और मरीज की मौत पर शिवपुरी जनसंपर्क कार्यालय ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के हवाले से खबर का खंडन का प्रेस नोट जारी किया है। खबर का कहना था कि अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर के नोजल में ब्लास्ट होने के कारण वार्ड में मरीजों की अफरा तफरी मच गई,इस अफरा तफरी में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर चल रहे एक मरीज की ऑक्सीजन हट गई जिससे उसकी मौत हो गई

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शिवपुरी के जिला अस्पताल में मरीज की टेस्टिंग के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर के नोजल से लगा पाइप फट गया। इससे तेज आवाज आई। ऑक्सीजन न मिलने के चलते मरीज की मौत हो गई। वहीं, आवाज से डरे परिजन दूसरे मरीजों को लेकर वार्ड से निकलकर अस्पताल के बाहर परिसर में खड़े हो गए।

जवाहर कॉलोनी के रहने वाले एड्स पीड़ित उम्र 45 साल को घबराहट होने पर मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिनभर अस्पताल की पहली मंजिल पर बने आईसीयू में रखा गया। रात 8 बजे ग्वालियर रेफर करने की तैयारी की जा रही थी।

पेशेंट को वार्ड बॉय ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ व्हील चेयर पर आईसीयू से ट्रॉमा सेंटर ले जा रहा था। रैंप से गुजरते वक्त हादसा हुआ। एड्स पेशेंट के भतीजे ने बताया था कि 'चाचा को घबराहट की शिकायत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें आईसीयू से ऑक्सीजन सपोर्ट पर व्हील चेयर पर बैठाकर ट्रॉमा सेंटर ले जा रहे थे। इसी दौरान वार्ड बॉय ने ऑक्सीजन सिलेंडर से छेड़छाड़ की। इसके बाद तेज धमाका हुआ। ऑक्सीजन सिलेंडर का मीटर और नोजल उछल कर गिर गए। ऑक्सीजन न मिलने के चलते चाचा की मौत हो गई।'

अब एडस से मरने वाले मरीज की हैल्थ बुलेटिन

इस संबंध में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि गत दिवस जिला अस्पताल में लगभग रात्रि 08 और 09 बजे के मध्य जिला चिकित्सालय शिवपुरी में मरीज, जो कि गुर्दे फेल एवं अत्यधिक रक्ताल्पता जिसमें खून 03 ग्राम एवं ब्लड ग्रुप ए.बी. निगेटिव, कमजोरी, चलने में परेशानी के साथ 22 अक्टूबर को सुबह 10.50 मिनट पर मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया था। मरीज का उपचार मेडिकल पीजीएमओ की देखरेख में किया जा रहा था।

परन्तु उपचार के बावजूद भी मरीज की पेशाब बंद हो चुकी थी। खून चढाना बहुत आवश्यक था, इसलिए खून चढ़ाया गया, आवश्यक दवाएं भी दी गई। मरीज के परिजनों के अनुसार पूर्व से ही मेडीकल कॉलेज शिवपुरी और ग्वालियर में उपचारत रहा था, इस समय गुर्दे से पेशाब बनना बंद हो गई थी। मरीज को ग्वालियर मेडीकल कॉलेज भेजने की तैयारी की जा रही थी। इस संबंध में मरीज के परिजनों को अवगत करा दिया गया था।

इस समय वाहन का इंतजाम एवं ट्रामा सेंटर में मरीज के उपचार जारी होने के साथ-साथ ग्वालियर भेजने की भी तैयारी की जा रही थी। इस समय पर मरीज ऑक्सीजन पर नहीं था। एहतिआत के तौर पर मरीज को एम्बूलेंस में ऑक्सीजन सिलेण्डर भी भेजा जाना जरूरी था, जिससे कि आवश्यकता पडने पर रास्ते में काम आ सके।

इसके लिए एम.आई.सी.यू. से सिलेण्डर नीचे ला रहे थे, रैम्प में ओ.टी. अटेण्डर और स्वीपर के सिलेण्डर ले जाते समय फ्लोमीटर की पाईप निकल गई और सीटी जैसी आवाज आई।साथ में फ्लोमीटर भी सिलेण्डर से अलग हो गया और रैम्प पर पटाखे जैसी आवाज आई तब पंद्रह से बीस सेकेण्ड में पुनः सिलेण्डर के रेगुलेटर से ओ.टी. अटेण्डर के द्वारा रेगुलेटर से बंद कर दिया गया। इतने समय में पास में बाहर बैठे मरीज के अटेण्डरों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था, किन्तु गार्ड एवं नर्सिंग ऑफीसर आदि के सहयोग से स्थिति नियंत्रण में आ गई।

सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज स्ट्रेचर पर ट्रामा सेंटर में अलग से लाया गया है। उपचार के दौरान ट्रामा सेंटर में मरीज की मृत्यु हुई है और सिलेण्डर की घटना रैम्प पर हुई है। दोनों अलग घटनायें हैं।