SHIVPURI RTO रंजना सिंह के कार्यालय पर दलालों का कब्जा, चुनाव संपन्न, प्रदेश का पहला मामला

Bhopal Samachar

EX-Rry @ Lalit Mudgal  शिवपुरी। शिवपुरी जिला परिवहन कार्यालय पर अब आरटीओ का कब्जा हो चुका है। बीते रोज आरटीओ कार्यालय पर आरटीओ रंजना सिंह की मौजूदगी में दलालों के अघोषित चुनाव संपन्न हुए है। अगर देखा जाए तो यह प्रदेश का पहला मामला होगा जहां रिश्वतखोरी के प्रतीक आरटीओ के काम करने वाले दलालों की यूनियन बनी और चुनाव भी संपन्न हुए है।

पढिए क्या क्या हुआ बीते रोज आरटीओ ऑफिस में

मंगलवार के दिन दोपहर के समय दलालो ने आरटीओ ऑफिस परिसर में कार्यालीन समय में सुंदर सा पंडाल लगाकर सुंदरकांड का पाठ किया गया। शिवपुरी आरटीओ रंजना सिंह कुशवाह, आफिस स्टॉफ सहित लगभग 100 दलाल मौजूद थे। इसके बाद दाल बाटी का भंडारा हुआ। आम तोर पर खाली रहने वाला कार्यालय कर पूरी तरह से भरा हुआ था।

शहर से दूर सूना रहता है कार्यालय

शिवपुरी जिले का आरटीओ कार्यालय आमतौर पर सूना रहता है,कुछ दलाल और एकाथ एक नागरिक जो देश को सुधारने के लिए रिश्वत नहीं देना चाहता वहां पहुंचता है। वैसे शहर से दूर धनवर्षा वाले कार्यालय में आम नागरिक कम ही पहुंचते है दिन भर दलाल अपने कामों से आते है आरटीओ अधिकारी कम ही बैठता है। दिन भर की फाइल एकत्रित होकर आरटीओ के घर पहुंचती है वही इन फाइलो का निराकरण किया जाता है। शहर का आम नागरिक आरटीओ से कम ही मिल पाता है क्योंकि आरटीओ ऑफिस में बैठती ही नही है।

मंगलवार को मेला सा लगा था कार्यालय में

बीते मंगलवार को दलालों का चुनाव होने के कारण मेला सा लगा था। काफी भीड भाड थी। मप्र शासन आरटीओ कार्यालयो को दलालो से मुक्तिकरण के उपाय कर रही है वही शिवपुरी में आरटीओ ऑफिस के दलालों की यूनियन बन गई और सर्व संपत्ति से अध्यक्ष का चुनाव भी संपन्न हो गया। काम इतनी सफाई से हुआ कि अध्यक्ष साहब का नाम और एक भी फोटो वीडियो बाहर तक नहीं आई।

सबसे बड़ी बात यह काम आरटीओ की मौजूदगी में हुआ

दलालो के यूनियन और चुनाव जैसा प्रदेश का पहला काम आरटीओ रंजना सिंह की मौजूदगी में संपन्न हुआ। मंगलवार को दिन भर आरटीओ मैडम दिन भर मौजूद रही। अब आगे हो सकता है कि शिवपुरी में आरटीओ की यूनियन की इस खबर के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी बन सकती है।

दो गुट है आरटीओ कार्यालय में दलालों के

सूत्रों को कहना है कि शिवपुरी आरटीओ कार्यालय में लगभग 100 दलाल सक्रिय है। दलालो की संख्या बढ़ जाने के कारण ही आम जन इस कार्यालय से दूर है। शहर में मौजूद आरटीओ कार्यालय के दलालो के आफिस है ओर यहां पब्लिक जाती है और अपने काम इन दलालों के माध्यम से कराती है। 1 प्रतिशत से कम ही लोग आरटीओ ऑफिस सीधे जाते है ओर अपने काम कराते है लेकिन इन 1 प्रतिशत लोगों के काम भी नही होते है। अगर दलालों के माध्यम से काम होता है तो काम आपका घर बैठे ही हो जाता है।

पहला गुट:आरटीओ कार्यालय में पहला गुट ऐसा है जो आरटीओ को अपना भगवान मानते हुए सशब्द रिश्वत की वसूली करते है। सूना है ऐसी परंपरा पर चलने वाले एक आरटीओ के दलाल को अध्यक्ष चुना है यह वही दलाल है तो आरटीओ आफिस में 50 रुपए के रेडियम के 700 रुपए की वसूली करता है।

दूसरा गुट:आरटीओ कार्यालय में दूसरा गुट ऐसा दलालों का है जो रिश्वत तो लेते है और देते भी है लेकिन नियमनुसार,कुछ आरटीओ अपनी रिश्वत की रेट इंक्रीज कर देते है तो यह गुट विरोध करता है। जिया ओर जीने दो की सिद्धांत का पालन करता है,इस गुट में शहर के पुराने और बुद्धिजीवी दलाल है जिन्हे आरटीओ के कानून और नियम रटे पडे है।

शिवपुरी समाचार से बोली मेडम

शिवपुरी समाचार के इस अदभुत खबर कि आरटीओ को दलालों का चुनाव होने जा रहे इस खबर को कवर करने जब शिवपुरी समाचार के रिपोर्टर पहुंचे और आरटीओ मैडम से सवाल किया आज इस आयोजन में ऑफिस स्टाफ कम और शहर के दलालो की संख्या अधिक है क्या यहां अभी भी दलाल परंपरा कायम है ।

मेडम ने जबाब दिया कि हमारे कार्यालय में स्टाफ कम है और दलाल तो पब्लिक की मदद करते है पब्लिक के आदमी है यह हमारे नहीं है। चुनाव के विषय में पूछा तो कहा मुझे इस विषय मे कोई जानकारी है।

कुल मिलाकर शिवपुरी परिवहन कार्यालय में दलालों का कब्जा हो चुका है एकाथ काम बिना रिश्वत के होता था अब वह भी नहीं होगा क्योंकि अब दलालो की यूनियन आपत्ति उठा सकती है। अब यह यूनियन अपनी मांग रख सकती है। आगे ऐसा भी नजारा दिख सकता है कि आरटीओ के दलाल अपनी आफिस भी वहां खोल ले,आपको दलालो की टेबिल घोषित रूप से वहां नजर आने लगे। अब यूनियन बन गई तो अपनी मांगों को लेकर अड सकती है,क्यो कि प्रत्येक दलाल को यह पता होता है कि अधिकारी ने कौन-सा काम नियम विरुद्ध रिश्वत की दम पर किया है युनियन दबाव बनाकर अपने काम करवा सकती है।