अमोला। शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा में आने वाले अमोला क्रेशर गांव में आज भी वर्षो साल पुरानी परंपरा को निभाई जा रही है यह परंपरा कई साल पुरानी है जिसमे भगवान विष्णु के ग्राम के भ्रमण के बाद भगवान को स्नान कराया जाता है जिसमें ग्राम के अभी ग्रामीण हिस्सा लेता है।
घर घर होता है भगवान का स्वागत
जैसे ही भगवान की यात्रा ग्राम में घूमती है जैसे ही लोग अपने घर के आगे यात्रा की स्वागत करते ही साथ ही यात्रा में शामिल लोगों का जलपान किया जाता है और भगवान का मंगल तिलक लगा कर भगवान का स्वागत किया जाता है
नदी का पानी हो जाता है साफ
ग्राम के मंदिर के पुजारी विजय कुमार शर्मा जी का कहना है कि यह परंपरा बहुत पुरानी है हमारे पूर्वज इस निभाते थे जो आज हम निभा रहे हैं भगवान के स्नान के बाद बरसात के कारण नदी का पानी गंदा हो जाता है जो काम लायक नहीं होता है भगवान के स्नान के बाद यह अपने आप साफ हो जाता है और पीने योग्य हो जाता है।
बच्चो को पालकी से नीचे निकला जाता है
पुरानी परंपरा हैं जब भगवान का पालकी (विमान जिसे लोग कंधे पर रखते हैं ) निकलती है तो ग्राम लोग अपने बच्चों को उस के नीचे से निकालते हैं बताते हैं कि भगवान के चरणों की रज अगर लग जाए तो बच्चों का भाग्य उदय हो जाए
पूर्व में रोकते थे भगवान का विमान
ग्राम के बुजुर्ग लोगों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज तो भगवान की यह यात्रा को रोकते थे जब यात्रा रुक जाती थी तो रात भर भजन कीर्तन होता था फिर सुबह समस्त ग्राम की पंगत ( खाना )होती थी
इसको बोलते ही भगवान का जलविहार यात्रा
इस परंपरा को जल विहार यात्रा बोलते हैं लोगो की मानना है कि भगवान विष्णु के जल विहार (जल में नहाने से भगवान के चरणों का पानी नदी में गिरने से नदी का जल )साफ हो जाता है