SHIVPURI NEWS - प्रसूता को सोनोग्राफी कराने बाहर भेजा,गेट पर हो गई डिलीवरी, नवजात की मौत

Bhopal Samachar

शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के जिला अस्पताल से मिल रही हैं जहां आज एक महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाया गया। अस्पताल में जांच के बाद उसमें ब्लड की कमी के साथ बच्चे की धड़कन कम चलती हुई बताई गई। ऐसे में प्रसूता की हालत काफी गंभीर बताई जा रही थी। इतनी गंभीर स्थिति में डॉक्टर ने प्रसूता को सोनोग्राफी कराने के लिए बाहर भेज दिया। यह कहकर कि हमारे यहां सोनोग्राफी नहीं होती हैं।

जिसके बाद परिजन प्रसूता की सोनोग्राफी कराने के लिए बाहर लेकर पहुंचे,जहां लौटते समय प्रसूता ने अस्पताल के गेट के बाहर एक बच्ची का जन्म हुआ और लापरवाही की वजह से बच्ची ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकी। इस प्रकार की लापरवाही के चलते प्रसूता के परिजनों ने सिविल सर्जन का घेराव करते हुए हंगामा कर दिया। सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच के करते हुए परिजनों को शांत किया।

जानकारी के अनुसार प्रसूता दीपा धाकड़ उम्र 24 साल निवासी ग्राम पिपरसमा शिवपुरी के पति सुनील धाकड़ ने बताया कि मेरी पत्नी दीपा धाकड़ के यहां सुबह हल्का हल्का सा पेट में दर्द हुआ। जिसके बाद मैं अपनी मां गीता धाकड़ के साथ अपनी पत्नी को सुबह 9 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। अस्पताल में सुबह की सिफ्ट में डॉक्टर नीरजा शर्मा उपस्थित थी जिन्होंने मेरी पत्नी को केस हैंडल किया।

डॉक्टर नीरजा शर्मा ने बोला मेरी पत्नी को चेक करके बोला कि बच्चे की धड़कन कम चल रही हैं और आपकी पत्नी में ब्लड की कमी है तो इसको आयरन की बोतल लगेगी। जिसके बाद मैंने कहा ठीक है लगा दो। तो वहां की स्टाफ नर्स बोली की थोड़ी देर में लगाते हैं। हमने कहा कि ठीक हैं,लेकिन फिर मैंने उनसे सुबह 11 बजे बोला की मेडम अब लगा दो बोतल तो वह मुझपर चिल्लाकर बोली कि तुम जाओ यहां से मुझे परेशान मत करो।

फिर मैंने दोपहर के 1 बजे बोला कि मेडम अब तो लगा दो बोतल मेरी पत्नी की तबीयत बिगड़ती जा रही हैं तो उसने मेरी सुनवाई नहीं की और फिर से धुत्तकार कर भगा दिया। जिसके बाद मैंने फिर 4 बजे मेडम को बोला। तो वह मुझसे बोलती हैं कि तुम अपनी पत्नी को यहां से ले जाओ और डॉक्टर उमा जैन के यहां सोनोग्राफी करवाकर लेकर आओ। तभी मैंने और मेरे परिजनों ने बोला कि यहां सोनोग्राफी नहीं होती हैं क्या, तो वह बोली नहीं होती हैं।

तो हम दीपा की बिगड़ी हुई हालत को देखते हुए डॉक्टर उमा जैन के यहां सोनोग्राफी कराने के लिए लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर बोली कि तुम इस पेसेंट को अस्पताल ले जाईये। जिसके बाद हम तुरंत ही दीपा को अस्पताल लेकर जा ही रहे थे तो उसने अस्पताल के गेट को एक बच्ची को जन्म दिया तब बच्ची की सांसे चल रही थी,लेकिन लापरवाही की वजह से मेरी बच्ची तुरंत ही खत्म हो गई। ऐसी स्थिति को देखकर स्टाफ नर्स ने तुरंत ही अस्पताल की खिड़की बंद कर ली। और जिस समय मेरी पत्नी दर्द से चीख रही थी तब उस समय 100 से 150 लोगों की भीड़ वहां पर जमा हो गई थी,लेकिन मेरी पत्नी का किसी ने भी सहायता नहीं कि तभी मेरी मां और किसी अन्य एक वृद्ध महिला के संयोग से मेरी पत्नी बच सकी। लेकिन मेरी बच्ची ने दम तोड़ दिया।

जिसके बाद हम अपने परिजनों के साथ सिविल सर्जन के पास पहुंचे जहां हमने सिविल सर्जन से डॉक्टर और स्टाफ नर्स की शिकायत की,लेकिन सिविल सर्जन हमारी ही लापरवाही बता रहे थे। तथा कह रहे थे कि तुम्हारी बच्ची की धड़कने सुबह की कम चल रही थी तो वह खत्म हो गई थी। और तुम जो अस्पताल के स्टाफ पर सोनोग्राफी कराने का आरोप लगा रहे हो वह सब झूठा हैं।

इनका कहना हैं
कि हमारे पास दीपा नाम की एक महिला सुबह दिखाने के लिए आई हुई थी। 10 बजे इनका पर्चा बना था, इनका 8 महीने का बच्चा हैं और इनके पेट,कमर में दर्द हो रहा है तथा बच्चे की धड़कन नहीं आ रही हैं महिला की बॉडी में सफेदपन था तो उन्होंने एचबी कराया तो इनका खून भी 7.4 आया जिसके बाद इसको ट्रायल रूम में भेज दिया गया। 

मरीज में खून कम होने के साथ साथ बच्चे में ऑक्सीजन की कमी होती हैं। हमारे यहां कई महिलाओं के अल्ट्रासाउंड हुए हैं और एक मरीज सोनोग्राफी के लिए बाहर जाना ही नहीं था,अब यह बाहर कैसे पहुंचा, यह जांच का विषय हैं तो मैं इसकी जांच करवाता हूं। तथा हमारे स्टाफ या डॉक्टरों से कोई लापरवाही हुई होगी तो इनपर कार्यवाही की जायेगी।
सिविल सर्जन डॉ यादव