SHIVPURI NEWS - बादलों ने बर्बाद कर दिया, फसल खेतों में डूबकर मरी, पढिए किसानों से सीधी बात

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले जिले की पोहरी अनुविभाग में लगातार हो रही बारिश के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों ने शिवपुरी समाचार से अपने दर्द को साझा किया है। एक किसान ने कहा कि हमने अपनी अभी तक की जिंदगी में ऐसी बारिश पहली बार देखी हैं जिससे हमारी मूंगफली,सोयाबीन,बाजरा,टमाटर, गेंदा के फूलों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं यहां तक की हम इस फसल से खर्चा भी नहीं चला सकते और हम अपनी बाजरे की फसल को अपने मवेशियों को खिला रहे हैं ऐसी स्थिति पहली बार देखी गई हैं।

जानकारी के अनुसार निवासी पोहरी के बैराड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रसेरा गांव के रहने वाले जगदीश धाकड़ पुत्र रमेश चन्द्र धाकड़ उम्र 34 साल ने बताया कि मेरी 70 बीघा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं मैंने इस फसल को तैयार करने के लिए दिन—रात मेहनत की हैं,लेकिन आज यह स्थिति पैदा हो जायेगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था मेरी 80 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई हैं।

जिसमें मैंने 20 बीघा में मूंगफली,20 बीघा में सोयाबीन और 10 बीघा में मक्का,2 बीघा में टमाटर,1 बीघा में मिर्ची, 4 बीघा में बाजरा,2 बीघा में उड़द आदि फसल की थी। लेकिन मेरी इन सभी फसलों में से एक भी फसल नहीं बची। मैंने झुमका मूंगफली की थी जो कि बारिश के कारण आई ही नहीं और इस समय हो रही बारिश से तो मूंगफली पूरी तरह गल चुकी हैं। 50 प्रतिशत टमाटर और मिर्च बर्बाद हो गई हैं,इसके साथ सोयाबीन,मक्का,उड़द 80 प्रतिशत निपट चुकी हैं। और इस समय चल रही बारिश के बाद तो कुछ बचेगा ही नही।

गेंदा के फूल की खेती सड़-गल कर बेकार, पूरा गांव रो रहा हैं

किसान जगदीश ने बताया कि मैंने इन्हीं फसलों के गेंदा के फूल की भी फसल की थी,लेकिन इस बरसात ने उसे भी पूरी तरह निपटा दिया। और गेंदा का फूल धूप ना मिलने की वजह से आया ही नहीं था, और अब तो वह पूरी तरह गल चुका हैं। इसके साथ ही पूरे गांव की भी यही स्थिति बनी हुई हैं पूरे गांव में किसानों ने सोयाबीन और मूंगफली की फसल ज्यादा की थी और उन्होंने यह नहीं सोचा था कि इस प्रकार हमारी फसल बर्बाद हो जायेगी और पूरा गांव दुखी हैं और किसान के पास केवल खेती ही जीवन यापन करने का साधन होती हैं और वहीं ना रही तो किसान अपना सिर पकड़कर रो रहे हैं।

800 बीघा निपटी फसल

वहीं मलखान सिंह तोमर उम्र 70 साल निवासी हर्रई ने बताया कि हमारे पूरे गांव का 1200 से 1300 बीघा का रकवा हैं और उसमें से 800 बीघा जमीन पर सोयाबीन और मूंगफली की खेती की जाती हैं और इस बार की बारिश ने तो पूरे गांव को पानी में डूबो दिया क्योंकि हम किसानों के पास खेती ही जीवन यापन का साधन हैं और वहीं खेती अब बची नहीं हैं इस बारिश ने पूरी फसल नष्ट कर दी हैं इस बार मूंगफली में पोंचा ही आ रहे हैं। मूंगफली का दाना हमें देखने को तक नसीब नहीं हुआ।

इसके साथ ही किसान सुल्तान सिंह तोमर उम्र 70 साल ग्राम गुरिच्छा ने बताया कि मैंने 50 बीघा में सोयाबीन और मूंगफली की खेती की थी और आज स्थिति यह हो चुकी हैं कि मेरी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और पूरे गांव के किसानों का यही हाल हैं तथा मेरी तो मार की जमीन थी।

60 साल की उम्र में पहली बार देखी ऐसी बारिश, हो गई पूरी फसल बर्बाद

किसान रामस्वरूप धाकड़ ग्राम जौराई ने बताया कि 1 महीने से बारिश हो रही हैं और इस बार की बारिश ने मेरी ही नहीं पूरे बैराड़ क्षेत्र के किसानों की फसल निपटा दी हैं मैंने 60 बीघा में से 30 बीघा में सोयाबीन किया था और बाकी के 30 बीघा में मूंगफली और बाजरा किया था मूंगफली में तो दाना ही नहीं पड़ा और इस बार बाजरा की फसल में बालियां ही नहीं आई और इस बारिश से फसल पूरी तरह गल चुकी हैं और यहां तक की खेत में घास तक नहीं बचा इसलिए हम अपने मवेशियों को बाजरा काट काटकर खिला रहे हैं क्योंकि बाजरा की फसल तो बची ही नहीं हैं।

इसके साथ ही मेरी 60 साल की उम्र हो चुकी हैं मैंने ऐसी स्थिति पहली बार ही देखे हैं कि इतनी भी फसल नहीं बची कि हमारे परिवार का खर्च चल सके।