दिनारा। देश प्रदेश में हुए बस हादसों से दिनारा का परिवहन विभाग सबक नहीं ले रहा है। इस वजह से निजी कंपनी की यात्री बसों में यात्रियों की जान को जोखिम में डालकर सफर कराया जा रहा है। स्थिति यह है कि, 52 से 60 यात्रियों की क्षमता वाली बसों में 90 से 100 लोगों को बैठाकर जानलेवा सफर कराया जा रहा है
यात्रियों को न सिर्फ बसों के अंदर ठूंस ठूंस कर बसों की सीट और गैलरी में ले जाया जा रहा है बल्कि, उन्हें गेट व जाल पर लटका कर और छत पर बैठाकर सफर कराया जा रहा है। बता दें कि, देश प्रदेश में अनगिनत बस हादसे पिछले साल भर में हुए हैं, जिनमें कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है
इसके बाद सरकार के जिम्मेदार अफसरों ने सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी करके ओवरलोड यात्री वाहनों और अन फिट बसों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, परिवहन और ट्रैफिक पुलिस की ओर से तीन से चार दिन चेकिंग पॉइंट लगाकर कुछ कार्रवाई भी की लेकिन, उसके बाद ओवरलोड यात्री वाहनों पर ध्यान देना बंद कर दिया गया है।
इस वजह से अब फिर से यात्री बसों में यात्रियों को अंदर बैठाने, जाल और गेट पर लटकाने के अलावा छतों पर बैठाकर भी सफर कराया जा रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति दिनारा, करैरा पिछोर, और नरवर इलाके की खराब है। जहां बाजारों में होकर अनगिनत यात्री बसें यात्रियों को छत पर बैठाकर ले जाती हुई रोजाना देखी जा रही हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं।
इस बारे में दिनारा निवासी संतोष सावला का कहना है कि, कई बस हादसे हो चुके हैं, इनसे सबक लेने की जरूरत है लेकिन देखा जा रहा है कि, दिनारा और करैरा क्षेत्र सहित अन्य इलाकों में ओवरलोड बसें चल रही हैं, यात्रियों को बसों की छत पर बैठाकर जोखिम भरा सफर कराया जा रहा है, अगर कोई अनहोनी घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा हमारा प्रशासन से यह सवाल है।