गणेश चतुर्थी पहले डाउनलोड होते है श्रीगणेश, फिर मूर्तिकार के हाथ से लेते है आकार - SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar

शिवपुरी। कल विघ्नहर्ता के विराजने का जन्मोत्सव का प्रथम दिन है,इसे हम गणेश चतुर्थी भी कहते है। हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी की तैयारी शिवपुरी के बाजार में जोर शोर से चल रही है मूर्तिकारों ने मूर्तियों को लोगों की डिमांड के अनुसार तैयार करना शुरू कर दिया है। इस साल गणेश चतुर्थी पर लोगों की डिमांड के अनुसार इको फ्रेंडली मूर्तियां भी देखने को मिली हैं,शिवपुरी में लगभग 1 सैकड़ा पंडाल सजकर तैयार हो चुके है और यह अपने श्रीजी की स्थापना का इंतजार कर रहे है।

इन एक सैकड़ा पंडालों में हर साल नई नई प्रकार की प्रतिमा देखने को मिलती है। इस विषय में मूर्तिकारों ने बताया कि समिति वाले पहले इंटरनेट पर अपनी पसंद की प्रतिमा देखते है फिर हमारे पास उसको डाउनलोड कर प्रिंट निकलकर हमारे पास लाते है। लगभग बडी मुर्ति इसी प्रक्रिया के तहत ही तैयार होती है।  

शिवपुरी के प्रसिद्ध मूर्तिकार राजू माहौर ने बताया कि हमारे यहां इस बार 5 फूट से लेकर 16 फीट की सबसे बड़ी मूर्तियां बनाई गई है जिसकी कीमत 60 हजार रुपये है हम इन मूर्तियों को लोगों की डिमांड के अनुसार तैयार करते है व हर साल की तरह समितीयां पहले से आकर मूर्ति का डिजाईन व आकार बता देते है जिसके अनुसार हम इन्हें तैयार करते है।  

फिजिकल क्षेत्र में 500 से अधिक मूर्तियां बनकर तैयार होती है जिनमें इस बार सबसे उंची मूर्ति हमारे यहां ही बनकर तैयार होती है हमारी मूर्तियां आज पास के गांव में भी भेजी जाती है मूर्तिकार राजू माहौर ने बताया कि इन मूर्तियों को हम 3 माह पूर्व से तैयार करना शुरू कर देते है व एक माह पहले से गणेश चतुर्थी तक इनहें रंगने का कार्य किया जाता है व उनकी कीमतों में इस साल कोई अंतर नहीं है।  

वहीं जयकुमार लखेरा ने बताया इस साल हमारे यहां केदारनाथ मंदिर वाली 8 फुट की मूर्ति आई है जिसमें केदारनाथ मंदिर के सामने शिव की प्रतिमा के साथ गणेश जी की मूर्ति बनाई गई है हमारे यहां सारी मूर्तीयां अलीगढ आगरा इंदौर ग्वालियर से आती है व इनके डिजाइन अलग अलग प्रकार के होते है, जयकुमार ने बताया कि इको फ्रेंडली मूर्तियों की डिमांड भी इस बार बड गयी है व इस साल मूर्तियों की कीमत में ज्यादा अंतर नहीं है।  वहीं बाजार में स्थित दूकानदार प्रवीन ने बताया कि हमारे यहां सभी प्रकार की मूर्तियां बाहर से आती है व इनकि कीमतें पिछले साल की तरह ही है हमारे यहां छोटी से लेकर 6 फुट तक की मूर्तियां मौजूद है।