SHIVPURI NEWS - संयुक्त किसान मोर्चा ने मक्का की सरकारी खरीद और सोयाबीन भाव सुधार के लिए दिया ज्ञापन

Bhopal Samachar

कोलारस। शिवपुरी जिले के कोलारस कस्बे में आज संयुक्त किसान मोर्चा ने मक्का की सरकारी खरीद व सोयाबीन के भाव में सुधार सहित अन्य मांगों को लेकर मुख़्यमंत्री के नाम कोलारस एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश की 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, इस कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। हालांकि, पिछले कुछ सालों से देश में लगातार देखने में आ रहा है कि किसान द्वारा उत्पादित फसलों का किसान को उचित भाव नहीं मिल पा रहा है। किसान के लिए खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है।

वहीं फसल जब तक किसान के हाथ में होती है तब तक उसके भाव न्यूनतम स्तर पर रहते हैं और जैसे ही फसल व्यापारी के हाथ में पहुंच जाती है तो उसके भाव अनायास ही आसमान छूने लगते हैं। ऐसा केंद्र व प्रदेश शासन की गलत नीतियों व निर्णयों के कारण हो पा रहा है। आज संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसानों की मांगों को जल्द जल्द से पुरा करने की मांग की हैं।

ये थी प्रमुख मांगे

1. देश में सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी 2+50% के आधार पर निर्धारित करने एवं खरीद की गारंटी का कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की जाए।

2. प्रदेश में किसानों को मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए सभी मंडियों, उपमंडियों व सोसायटियों में आगामी 1 अक्टूबर से सरकारी कांटे लगाकर सरकारी खरीद की व्यवस्था आवश्यक रूप से कराई जाए।

3. प्रदेश में सोयाबीन का न्यूनतम भाव रूपये 6,000/- प्रति क्विंटल एवं मक्का का न्यूनतम भाव रुपए 2,500 प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए।

4. धान के निर्यात पर लगने वाले कर में की गई बढ़ोतरी को वापस करने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की जाए।

5. आगामी रबी सीजन की बोवनी के पूर्व प्रदेश में निगरानी समितियां बनाकर फसल के भाव के अनुपात में कई गुना ज्यादा पर बीज बेचने वाली कंपनियों पर सख्ती की जाए।

6. देश में पाम ऑयल के आयात पर पूर्णतः रोक लगाने एवं उसे गैरकानूनी बनाने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की जाए। खाद्य तेल में पाम ऑयल मिलाकर जहां एक ओर पूंजीपति मोटा मुनाफा कमा रहा है, वहीं इसका उपयोग करके देशवासी हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार होकर अपनी जान से हाथ धो रहे हैं। साथ ही किसान को भी तिलहनी फसलों का उचित भाव नहीं मिल पा रहा है।

7. प्रदेश के किसानों को दूध का उचित भाव दिलवाया जाए।

8. प्रदेश में आवारा पशुओं के द्वारा किसान की फसलों को बहुतायत में नुकसान पहुंचाया जा रहा है। आवारा पशुओं की समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए शासन द्वारा संचालित व मान्यता प्राप्त गौशालाओं को सक्षम अधिकारी की निगरानी में सुचारू रूप से संचालित करवाया जाए।