ललित मुदगल, शिवपुरी। आज विघ्नहर्ता का 10 दिन तक चलने वाला श्रीजी का उत्सव शुरू हो गया है,सुबह से ही धूप निकली हुई थी और दोपहर 2 बजे तक सूर्यदेव अपनी पतन से इस उत्सव को निखार रहे थे,लेकिन अचानक इंद्रदेव पता नहीं क्या सूझी की उन्होंने अपने काले बादल शिवपुरी के आसमान पर भेज दिए।
शाम 4 बजे तक आसमान में काले बादल छा चुके थे,ठंडी हवा चलने लगी और आसमान मे बिजली चमकने लगी थी। आसमान में काले बादल देख कर श्रीजी के भक्त निराश होने लगे थे। ऐसा लग रहा था कि विघ्नहर्ता के उत्सव पर इंद्रदेव ने विघ्न डालने का मन बना लिया था।
शिवपुरी शहर में लगभग 1 सैकड़ा पंडालों में श्री गणेश जी मंच ग्रहण करते है। यह पंडाल शहर की बडी बडी उत्सव समिति लगतती है। शहर में बडी बडी प्रतिमाओ को समिति के लोग बैंड बाजो ढोल नगाड़े और ताशे के साथ शाम से लाना शुरू करते है जो क्रम देर रात तक चलता है।
आसमान में काले बादल,जमीन पर सच रहे थे विमान
श्रीजी को अपने अपने पंडालो में लाने के लिए विमान सजा रहे थे,इधर आसमान में काले बादल इन भक्तों को डरा रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मानो आज इंद्रदेव आज सब कुछ खत्म करने पर आमादा है। भक्तों को लगा आज उत्सव पर पानी पर ग्रहण लगाने वाले है। भक्तों ने इस काली घटाओ का टालने के विघ्नहर्ता से प्रार्थना करने लगे।
5:40 पर बरसने लगे मेघ
आज शाम 4ण्40 पर आसमान पर छाए बादल बरसने लगे,ऐसा लगने लगा था कि आज घनघोर वर्षा होने वाली है और इस गणेश उत्सव पर पानी फिर जाऐगा। जिन समितियों की बडी बडी गणेश जी की प्रतिमा लाने वाले थे,वह विचार करने लगे। बाजारों में बिक रही प्रमिमाओ पर भी तिरपाल छाने लगी थी। लेकिन जितने वेग से पानी बरसा था उतनी वेग से ही ठंडा पड़ गया। कुल मिलाकर शहर में एक घंटा बारिश हुई इस एक घंटा में लगभग 10 मिनट पानी तेज रफतार के साथ पडा उसके बाद रिमझिम बारिश होती रही। ऐसा लग रहा था कि विघ्नहर्ता और इंद्रदेव के बीच एक संघर्ष चल रहा हो एवं अंत में वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥