शिवपुरी। श्रीमंत विजयाराजे सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा विदेश में नौकरी कर रही नर्स को आठ लाख के फर्जी वेतन भुगतान के मामले में अब कलेक्टर रविंद्र चौधरी ने ट्रेजरी आफिसर छवि जैन व डिप्टी कलेक्टर जेपी गुप्ता को जांच सौंप दी थी। यह दोनों जल्द ही मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करेंगे,लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन विदेश में नौकरी करने वाली नर्स के बचाव में उतर आई है और जांच अधिकारियों को आधे अधूरे दस्तावेज सौंपे गए है इसलिए जांच अधिकारी छवि जैन ने पुन:दस्तावेजों के लिए कॉलेज के डीन को पत्र लिखा है।
पहले पढे आप मामला
मेडिकल कॉलेज के निश्चेतना विभाग में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ बीना जोसेफ कोरोना महामारी के दौरान मेडिकल कॉलेज से बिना कोई अवकाश लिए लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहें और भारत छोड़कर विदेश चली गईं।
वहां उन्होंने नौकरी भी की। वर्ष 2024 में मार्च महीने में बीना जोसेफ लौट कर मेडिकल कालेज आईं और अपना इस्तीफा दे दिया। मेडिकल कालेज के तत्कालीन प्रभारी डीन डा. केबी वर्मा ने नर्स को इस्तीफे के बाद भी आठ लाख रुपये के वेतन भुगतान की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही वेतन भुगतान करवाया।
जबकि नर्स बीना के द्वारा न तो मेडिकल कालेज को सेवाएं प्रदान की गई थी और न ही नियमानुसार अवकाश लिया गया था। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा डा. ईला गुजरिया व डा. पंकज शर्मा को मामले की जांच सौंपी परंतु एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद जांच पूरी नहीं हो सकी। अब कलेक्टर ने मामले की जांच प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी है।
इस मामले में बताया जा रहा है कि ट्रेजरी आफिसर छवि जैन ने पुन:मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को पत्र लिखकर दस्तावेज मांगे है,सूत्रों के अनुसार कॉलेज प्रबंधन जांच अधिकारी को मांगे गए दस्तावेज अभी तक नहीं है सौंपे है। प्रबंधन विदेश में नौकरी करने वाली नर्स के बचाव में उतर आया है।
यह मांगें है दस्तावेज
- नर्स ने पूरे सेवाकाल में कितनी छुट्टी लीं, कितने दिन अनुपस्थित रहीं।
- कालेज प्रबंधन द्वारा जारी एससीएन का नर्स ने क्या जवाब दिया।
- पूर्व डीन केबी वर्मा के जवाब की कापी, जो उपलब्ध नहीं कराई।
- भुगतान और अवकाश स्वीकृति का चैनल क्या है, क्या चैनल का पालन हुआ। •
- नर्स के विदेश में वैतनिक कार्य की जानकारी कालेज प्रबंधन को कैसे लगी।
- अवकाश स्वीकृति में 2018 के जिस नियम का हवाला दिया है, उसकी कापी। •
- नर्स की एनपीएस की राशि या अन्य भुगतान कितने शेष बचे हैं।