हार्दिक गुप्ता। शिवपुरी जिले की कोलारस कस्बे से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम लेवा में हर साल गणेश चतुर्थी पर हीरामन बाबा का विशाल मेला भरता है। इस मेले में दूर दूर से लाखो भक्त अपने बंध को कटवाने के लिए के इस मेले में आते है। इस मेले की भीड़ को कंट्रोल करना प्रशासन को भारी पड़ता है आज भी प्रशासन को 5 किलोमीटर दूर ही टरेफिक को रोकना पडा।
आज कोलारस के लेवा के मेले में लाखों भक्त पहुंचे और हीरामन बाबा के दर्शन करते हुए भेट चढाकर बंध कटवाया। पुलिस बल का मेला स्थल से 5 किलोमीटर दूर ही सभी प्रकार के वाहनों को बैरिकेट्स लगाकर रोकना पडा। इस मेले की आज सबसे खास बात यह रही है कि इस मेले पर वर्/ाा का साया रहा उसके बावजूद भी मेले के उत्साह और भीड मेे कमी नही देखी गई।
क्या खास है इस मेले में
कोलारस तहसील मुख्यालय से 18 किमी दूर डेढ़ हजार की आबादी वाले ग्राम लेबा में स्थित हीरामन बाबा का प्राचीन देवस्थान पीलिया रोग को दूर करने के लिए विख्यात है। इस स्थान के बारे में बताया गया है कि मंदिर की पांच परिक्रमा लगाने व भभूत लगाने मात्र से पीलिया रोग से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है।
वैसे तो हर चौहदस व चतुर्थी के दिन लोग यहां दर्शन के लिए आते रहते हैं मगर श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बने हीरामन बाबा के चमत्कारी स्थान की यह मान्यता है कि वर्ष भर में एक बार गणेश चतुर्थी के दिन बीमारी से पीड़ित व मुक्ति पा चुके लोगों का यहां आकर दर्शन करने का विशेष महत्व माना गया है। साल में एक दिन गणेश चतुर्थी के दिन मेले में दूर-दूर से लाखो की सं या में श्रद्वालु आते हैं।
विज्ञान पर भारी डॉ हीरामन बाबा
लोगों को विश्वास है कि हीरामन बाबा के दर्शन कर प्रार्थना करने से उनका पीलिया रोग सही हो जाएगा। इसी उम्मीद के साथ यहां कोलारस क्षेत्र ही नहीं शिवपुरी, ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, दतिया ईशागढ़ अशोकनगर, गुना, राजस्थान के कोटा, बांरा आदि स्थानों से बड़ी सं या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
मेले में आकर्षण का केंद्र रहे दुधमुंहे बच्चे
पीलिया स्पेशलिस्ट डॉक्टर हीरामन बाबा पर आज महिला पुरुष सहित दुधमुंहे बच्चे भी पहुंचे थे। अक्सर देखा गया है कि बच्चे के जन्म के बाद पीलिया हो जाता है,इस कारण हीरामन बाबा के राख पर विश्वास करने वाले लोग किसी भी मंदिर पर जाकर भभूत लाकर बच्चे के हीरामन बाबा के नाम की भभूत लगा देते है इसी को हीरामन बाबा का बंध कहते है और पीलिया से ग्रसित मरीज कुछ ही दिन में सही होने लगता है। कुछ जन्म से पीलिया से ग्रसित बच्चे जिन्हें यह बंध लगाया गया था वह बच्चे भी आज अपनी मॉ की गोद में गए थे। मंदिर पर पहुंचकर एक श्रीजी की भेज चढानी होती है और परिक्रमा लगाती होती है। हीरामन बाबा की परिक्रमा लगाने की प्रक्रिया को आम भाषा में बंध काटना बोला जाता है।
मंदिर के भीतर बिराजे हैं हीरामन बाबा
सैकड़ों वर्ष पुराने हीरामन बाबा के मंदिर वाले स्थान पर पहले एक चबूतरा हुआ करता था मगर अब भव्य मंदिर, टीनशेड बन चुके हैं। मंदिर के भीतर हीरामन बाबा की श्रंगार से सजी मूर्ति विराजमान है। इसी मंदिर के आसपास अन्य देवी-देवताओं के चबूतरे भी बने हुए हैं।
यहां आने वाले भक्त सबसे पहले प्रसाद चढ़ाकर अगरबत्ती लगाते हैं। इसके बाद मंदिर की पांच या सात परिक्रमा लगाने के बाद बाबा की भभूति माथे से लगाते हैं। हीरामन बाबा की भभूति मशहूर है। लोगों का मानना है कि बाबा की भभूति लगाने से पीलिया व पांडू की बीमारी से निजात मिल जाती है। जानकार लोगों का मानना है कि पीलिया सही हो जाने के बाद साल में एक दिन गणेश चतुर्थी को दर्शन करने जरूर जाना चाहिए।
डॉ.हीरामन बाबा ने बेरोजगार को भी रोजगार दिया
पन्द्रह सौ की जनसं या वाले लेबा गांव में कुछ साल पहले तक दैनिक उपयोग के काम आने वाली एकाध दुकान हुआ करती थी लेकिन इस गांव में चतुर्थी के दिन भरने वाले मेले में सैकड़ों की सं या में दुकानदार आते हैं।
प्रसाद की दुकानों के अलावा मनहारी, हलवाई, होटल से लेकर हर जरूरी सामान की दुकान सजने से छोटे से गांव में मेला लगने से लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है। प्रकृति के शांत वातावरण में स्थित हीरामन बाबा के मंदिर की याती अब दूर-दूर तक पहुंच चुकी है। यही कारण है कि यहां न केवल बीमारी से ग्रसित बल्कि हर चतुर्थी को दुकानदार भी मेले में दुकान लेकर आते हैं।
क्या कहते हैं लाभ पाने वाले लोग
कोलारस के निवासी एवं शासकीय शिक्षक मनोज कोली कहते हैं कि पिछले दो साल पहले मुझे भयंकर पीलिया रोग हो गया था एवं डॉक्टरों के पास एक महीने चक्कर लगाने के बाद जब मैँ लेवा गया तो वहॉं केवल बाबा के चबूतरे पर प्रसाद चढ़ाया और परिक्रमा लगाई।
और कोई भी परहेज नहीं करना पड़ा पहले जो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ परन्तु कुछ ही दिनों में मेरा पीलिया रोग एक दम से ठीक होने लगा । और तब से मैं भी मानने लगा कि यह डॉ.हीरामन बाबा के दर्शन करने से ही पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
क्या कहते हैं जानकार
कोलारस तहसील में ग्राम लेवा में जो हीरामन बाबा का स्थान है वह अपने आप में एक सिद्ध स्थान है मैं स्वयं पिछले कई वर्षों से देख रहा हूं कि पूरे श्रद्धा एवं विश्वास से यहां आने वाले लोगों का महीनों पुराना पीलिया का रोग भी ठीक हो जाता है।
और सबसे बड़ी हैरानी की बात तो ये है कि यहां आकर केवल पीड़ित व्यक्ति को केवल बाबा के चबूतरे की परिक्रमा लगानी होती है और किसी भी प्रकार का परहेज करने की साफ मना ही कर दी जाती है ।
पंडित प्रेम नारायण भार्गव, ज्योतिषाचार्य कोलारस