शिवपुरी। शिवपुरी जिले केा टूरिस्ट का हब बनाने के लिए मप्र सरकार कई प्रकार के जतन कर रही हैं। शिवपुरी नेशनल पार्क में 3 दशक बाद टाइगर की वापसी हुई है,मप्र शासन अब एक प्राकृतिक जलसरंचना पर टूरिज्म को विकसित करते हुए उस प्लान पर वर्क करना भी शुरू कर दिया है। मडीखेडा डेम के जलभराव के बीचो बीच स्थित 100 एकड़ के टापू पर टूरिस्ट स्पॉट बना रही है,जिससे मडीखेडा डेम पर साल भर टूरिस्ट पहुंचे।
मडिखेडा डेम पर जल संसाधन विभाग ने बांध का निर्माण होने के बाद होटल सहित कर्मचारी आवास भी बनवाए थे,लेकिन यह समय के साथ खंडहर होने लगे थे। इसलिए इन भवनो को एपी टूरिज्म को सौंप दिए है अब एमपी टूरिज्म ने इस होटल को लीज पर देकर डेबलप करवा लिया हैै। एमपी टूरिज्म ने मड़ीखेड़ा को एडवेंचर स्पॉट बनाने के उद्देश्य से विकसित किया, तो अब शिवपुरी सहित बाहर के सैलानी भी आने लगे। होटल में आगामी 10 दिन तक की एडवांस बुकिंग है।
मडीखेडा डैम के जलभराव क्षेत्र और सिंध नदी के बीचो बीच एक 100 एकड़ का जंगल नुमा टापू है। इस पहाड़ी पर तेंदुए, हिरण सहित अन्य वन्यजीवों का डेरा है। चारों तरफ पानी से घिरे इस जंगल में सैलानियों को ले जाने के लिए क्रूज बोट तैयार हो गई, जो एक-दो दिन में ही बोटिंग शुरू करेगी। मड़ीखेड़ा डैम बहुत जल्दी एडवेंचर सेंटर के रूप में विकसित होगा, तथा इसमें नरवर के टूरिज्म को भी पंख लगेंगे। सैलानियों को भी पानी के किनारे हर बेहतर सुविधा का ध्यान रखा गया है।
वर्तमान में गेट खुलने पर ही पहुंचते है सैलानी
अभी तक लोग सिर्फ बरसात में मड़ीखेड़ा डैम के गेट खुलने पर ही उसका विहंगम नजारा देखने जाते थे, लेकिन अब जल्द ही यहां पूरे समय सैलानियों की आवाजाही बनी रहेगी। क्योंकि यहां गेट खुलने के दौरान जहां पानी का विहंगम नजारा देखकर जो खुशी महसूस होती है, उसी तरह का अनुभव सैलानियों को तब होगा, जब चारों तरफ पानी ही पानी के बीच स्थित जंगल में वो बोट में बैठकर पहुंचेंगे। बोटिंग के लिए जो सेंटर प्वाइंट बनाया है, वो सड़क से लगभग आधा किमी अंदर डैम का किनारा है। सोमवार को जब पत्रिका टीम इस बोटिंग स्पॉट पर पहुंची तो वहां पर क्रूज बोट में कलर का काम फायनल स्टेज पर चल रहा है। एक-दो दिन में ही पर्यटकों के लिए यह एडवेंचर एक्टिविटी शुरू हो जाएगी।
पहाड़ी पर भी रुक सकेंगे सैलानी
डैम के बीचो बीच जो पहाड़ी छोटी नजर आती है, उसका क्षेत्रफल 100 एकड़ से अधिक है। एमपी टूरिज्म ने उसे भी 30 साल के लिए लीज पर दे दिया है, तथा अब वहां पर भी सैलानियों के कुछ समय रुकने तथा खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई है। बोटिंग सेंटर के पास ही एक रिफ्रेशमेंट रूम बनाया गया है, जहां सैलानी चाय-नाश्ता कर सकते हैं। इस पूरे सेंटर को ईको फ्रेंडली बनाया गया है, जिसमें दोनों तरफ हरियाली व बीच में पानी एक अलग ही अनुभव है।
रास्ते पर लगाईं जालियां
डैम रोड से बोटिंग सेंटर तक जाने वाले आधा किमी लंबी सीसी सड़क बनाई गई है, जिसके दोनों ओर ऊंची जालियां लगाई हैं। चूंकि इस रोड के आसपास ही तेंदुओं का डेरा रहता है, इसलिए सैलानियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की है।