शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के सिटी कोतवाली अंतर्गत आने वाले ठकुरपुरा से हैं जहां बीते गुरुवार को शाम 5 बजे शाक्य और जाटव समाज में आपसी विवाद चल रहा था तभी भीम आर्मी के ग्वालियर संभाग सचिव विवाद को सुलटाने पहुंचे। तभी विवाद इतना बढ़ गया कि शाक्य समाज के लोगों ने डायल 100 को बुलाकर, संभाग सचिव के साथ लात घूसों-लाठी,डंडों से बड़ी बेरहमी के साथ पुलिस ने मारपीट कर दी। इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में की गई,तो उल्टा पुलिसवालों ने भीम आर्मी के संभाग सचिव पर धारा 132, 121, 115, 296 में मामला दर्ज कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार निवासी ठकुरपुरा शिवपुरी के रहने वाले अरुण जाटव ने बताया कि 12 सितंबर 2024 की शाम 5 बजे की बात हैं ठकुरपुरा में शाक्य और जाटव समाज का केविल को लेकर विवाद हो रहा था जिसमें भूरा जाटव ने कहा था कि केबल से किसी को करंट लग सकता है इतना कहने पर महिला मनीषा शाक्य ने भूरा जाटव की चप्पलों से मारपीट की जिसकी सूचना अरुण आजाद को लगी।
तब मौके पर अरुण आजाद पहुंचे और कहा कि आप और हम भाई-भाई है आपस में विवाद क्यों कर रहे हो। इसी बात को लेकर कल्लू शाक्य, मनीषा शाक्य व सरोज शाक्य द्वारा अरुण आजाद से मां बहन की गंदी-गंदी देने लगे और कहने लगे कि तू ज्यादा नेता बनता हैं। इसके बाद उक्त लोगों ने 100 डायल पुलिस को बुलाया लिया।
यह कि इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और पुलिस ने सांठगांठ करके अरुण आजाद की लात घूसों से मारपीट कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और कहने लगे कि तू क्या करेगा और एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद जी और नगीना सांसद जी को भी गाली देने लगें और चन्द्रशेखर की टी-शर्ट को फाड डाला जिस पर चन्द्रशेखर आजाद भैया का फोटो छपा था।
यह कि इसके बाद पुलिस द्वारा अरुण आजाद की मां बहन एवं उनकी पत्नि से गालियां देने लगे और अपमानित कर कहने लगे कि तुम अपने पतियों को थाने में भेज देना और एक घण्टे के अंदर मकान खाली कर देना और अरुण आजाद का भाई अभिषेक आजाद जो कि कोचिंग पढ़ा रहा था उक्त घटनास्थल पर मौजूद नहीं था उसका नाम भी झूठा एफ.आई.आर में दर्ज कराया गया है।
आपसे अनुरोध है कि, उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए एवं अरुण आजाद व उनके परिवार को न्याय दिलाने की कृपा करें एवं पुलिस वालो द्वारा उक्त लोगों की मारपीट कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया गया है उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावे अगर 3 दिनों के कार्यवाही नही की जाती है, तो हमें जिला स्तर पर आंदोलन करने पर बाध्य होना पडेगा जिसकी समस्त जिम्मेदार पुलिस प्रशासन की होगी।