SHIVPURI NEWS - बदरवास में मिडिल के साथ नया हायर सेकेंडरी स्कूल खुले तो छात्रों को हो राहत

Bhopal Samachar

बदरवास। बड़े ग्रामीण क्षेत्र और शहरी केंद्र वाले ब्लॉक मुख्यालय बदरवास नगर में तीन हायर सेकंडरी स्कूल हैं, इनमें एक कन्या उमावि जिसमें सिर्फ लड़कियां ही पढ़ सकती हैं, दूसरा एक्सीलेंस उमावि जिसे सीएम राइज स्कूल बना दिया गया है और तीसरा है मॉडल उमावि। सीएम राइज और मॉडल स्कूल में सीमित सीट हैं जिनमें प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद ही एडमिशन मिलता है।

ऐसे में बदरवास नगरीय क्षेत्र में छात्रों के लिए अब कोई ऐसा सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं बचा है जिसमें नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कक्षा 9 से 12 तक प्रवेश लेकर पढ़ सकें।फलस्वरूप बच्चों को अब कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई के लिए निजी स्कूलों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे उन छात्रों के सामने संकट पैदा हो गया, जो आर्थिक रुप से सक्षम नहीं हैं।

जानकारी के अनुसार बदरवास ब्लॉक में बच्चों को कक्षा 9 से कक्षा 12 तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए बहुत ही कम अपर्याप्त हायर सेकेण्डरी स्कूल हैं। हायर सेकेण्डरी स्कूल की कमी और क्षेत्र बड़ा होने से बच्चे कक्षा 8 या 10 वी के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं। पूर्व में कई बार नगर के शिक्षा क्षेत्र से जुड़े समाजसेवियों द्वारा बदरवास शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाने हेतु प्रयास और मांग की जाती रही और प्रस्ताव भी दिए हैं लेकिन अभी तक नगर में एक नया स्कूल नहीं खुल पाया है।

तीन हायर सेकेण्डरी स्कूल, जिनमें से एक छात्राओं का और दो प्रवेश परीक्षा वाले

बदरवास नगर में कुल तीन हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सीएम राइज विद्यालय के रुप में परिवर्तित किया जा चुका है। जबकि दूसरा शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। वहीं तीसरा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है जो सिर्फ छात्राओं के लिए हैं।

जब से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सीएम राइज स्कूल बनाया है तब से नगरीय सहित ग्रामीण क्षेत्र के कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के सामने प्रवेश का संकट खड़ा हो गया है और मजबूरन कोई अन्य सरकारी स्कूल का विकल्प न होने के कारण कक्षा 9वीं से 12 तक की पढ़ाई के लिए बच्चों को निजी स्कूलों का सहारा लेना पड़ रहा है।

एक मिडिल स्कूल और खोलने की है जरूरत
बदरवास में पहले बालक मिडिल स्कूल और कन्या मिडिल स्कूल प्रथक प्रथक थे लेकिन सीएम राइज स्कूल होने से दोनों को एकीकृत कर इसमें मिला दिया गया अब छात्रों के सामने कक्षा 6 में प्रवेश लेने की समस्या हो रही है क्योंकि सीएम राइज स्कूल में सीमित सीटें होने से कक्षा 6 से 8 में प्रवेश सीमित मात्रा में मिल पाता है। वार्ड सात में स्थित प्राइमरी स्कूल का उन्नयन मिडिल स्कूल में हो जाए तो नगर तथा ग्रामीण बच्चों को सुविधा जो जायेगी।

प्राइवेट स्कूलों की फीस देने में हर विद्यार्थी सक्षम नहीं, नतीजा पढ़ाई पर लगता है विराम
बदरवास नगरीय क्षेत्र में  निजी हायर सेकंडरी स्कूल तो कई हैं। लेकिन इनमें बच्चों के प्रवेश से लेकर परीक्षा तक के लिए अभिभावकों को काफी फीस देनी पड़ती है और  फीस जमा करने की क्षमता हर पालक की नहीं है।

आठवीं के बाद उत्कृष्ट विद्यालय में छात्र लेते थे प्रवेश
बदरवास नगरीय और आसपास के क्षेत्र से हर वर्ष कक्षा 8और कक्षा 10 पास करने वाले विद्यार्थी हजारों की संख्या में रहते हैं।

नगरीय क्षेत्र के बच्चे कक्षा 8 के बाद 9वीं में प्रवेश के लिए बहुत परेशान होते हैं साथ ही ग्रामीण सहित नगरीय क्षेत्र बच्चे जो 11 वीं में प्रवेश लेने हेतु दर दर भटकते हैं। कारण ये है कि सीएम राइज और मॉडल स्कूल में प्रवेश परीक्षा के बाद ही एडमिशन मिलता और वो भी बहुत कम निश्चित सीटों पर।

इन दो स्कूलों के अलावा बदरवास नगर में अन्य कोई हायर सेकंडरी स्कूल नहीं है जहां हजारों की संख्या में बचे विद्यार्थी प्रवेश ले सकें। फलस्वरूप आर्थिक रूप से सक्षम अभिभावक तो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिला देते हैं लेकिन आर्थिक रूप से सक्षम न होने वाले छात्रों को मजबूरन अपनी पढ़ाई पर विराम लगाना पड़ता है।

बच्चों के समक्ष बड़ा सवाल–निजी स्कूल में लें प्रवेश या फिर बंद करें पढ़ाई
जब से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सीएम राइज स्कूल बनाया है तब से छात्रों के सामने दो ही विकल्प बचे हैं। पहला ये कि पढ़ाई बंद कर घर बैठ जाएं। और दूसरा विकल्प छात्रों के सामने सिर्फ एक ही रहता है कि वे किसी निजी विद्यालय में प्रवेश लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखें।

दोनों ही स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के बाद ही एडमिशन
बदरवास नगर में स्थित सीएम राइज और मॉडल स्कूल में हर कोई प्रवेश चाहता है। लेकिन इनमें प्रवेश के लिए अलग गाइड लाइन हैं।दोनों में ही  प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रवेश मिलता है। सीटों की संख्या सीमित होने से नए छात्रों को प्रवेश नहीं मिल पाता है।

नए सरकारी स्कूल खोलने के लिए समाज सेवियों ने किया था प्रयास
नगर के समाजसेवी और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग काफी समय से प्रयासरत हैं कि बदरवास नगर में एक नया हायर सेकंडरी स्कूल खोला जाए जिसमें कक्षा 9 से 12 वीं तक की पढ़ाई हो और बच्चे प्रवेश ले सकें। पूर्व में इन समाजसेवियों ने  प्रस्ताव दिया था कि वार्ड नंबर 7 में स्थित प्राइमरी स्कूल को मिडिल में उन्नयन और वहीं एक नया हायर सेकेण्डरी स्कूल खोला जाए जिससे नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को कक्षा 9वीं, 10वीं,11वीं, 12वीं में प्रवेश मिल सके जिससे उनकी पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

क्षेत्र में हायर सेकंडरी स्कूलों का है अभाव
बदरवास नगर सहित आसपास के क्षेत्र में हायर सेकंडरी स्कूलों की काफी कमी महसूस की जा रही है। आसपास अटलपुर, बूढ़ा डोंगर, श्यामपुरा, अगरा,धामनटूक में शासन ने हाई स्कूल तो खोल दिए लेकिन इन स्कूलों के बच्चे जो कक्षा 10 पास कर लेते हैं उनके समक्ष 11वीं में प्रवेश लेने की समस्या खड़ी हो जाती है क्योंकि इन सभी विद्यालयों और क्षेत्रों का नजदीकी हायर सेकेंडरी स्कूल बदरवास में लगते हैं और बदरवास के दोनो ही हायर सेकेण्डरी स्कूलों में सीमित सीटें होने से इन बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाता है।

सबसे बड़ी समस्या बदरवास शहरी बच्चों के समक्ष आती है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे तो 11वीं में प्रवेश न मिलने से ही परेशान हैं लेकिन नगर के बच्चों को तो कक्षा 9 में भी प्रवेश के लिए सीएम राइज और मॉडल स्कूल के अलावा अन्य कोई विद्यालय नहीं है।

नए खुलें हायर सेकेंडरी स्कूल
बदरवास क्षेत्र में नए हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाने की सख्त आवश्यकता है इसलिए बदरवास नगरीय क्षेत्र में एक नया हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले सहित अटलपुर,बूढ़ा डोंगर,आगरा में नवीन हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जाएं जिससे यहां के बच्चों को सरकारी स्कूलों में सुलभ और सहज शिक्षा हेतु प्रवेश मिल सके। जहां अटलपुर,बूढ़ा डोंगर की बदरवास से दूरी 10 किलोमीटर और आगरा की दूरी 15 कि.मी. से अधिक है।शासन का नए सरकारी हायर सेकेण्डरी विद्यालय खोलने का नियम भी इन क्षेत्रों पर लागू होता है और विद्यालय प्रारंभ करने में कोई रोड़ा भी नहीं है।