शिवपुरी। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज अपने इलाज से अधिक विवाद के लिए पहचाना जाने लगा है,मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा स्टाफ पर लगातार लापरवाही भरा इलाज करने के आरोप लगते रहे है। लापरवाही भरा इलाज के कारण मरीज को मौत हो जाती है,कुछ दिन पूर्व शिवहरे समाज ने भी लापरवाही से मौत के कारण एक ज्ञापन शिवपुरी कलेक्टर को सौंपा था,अब रविवार को रात 9 बजे एक महिला की मौत मेडिकल कॉलेज मौत हो गई,इसमें सबसे खास बात यह है कि परिजन ने मौत का कारण पूछा तो मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने गार्ड की एक टूकडी से परिजनो की मारपीट कर दी।
हाकिम परिहार निवासी अहीर मरौरा थाना क्षेत्र पोहरी ने बताया कि मेरी मॉ मेवा परिहार उम्र 60 साल पत्नी शिवचरण परिहार की गांव में दोपहर के समय अचानक तबीयत खराब हुई। मॉ का कहना था कि पेट में दर्द हो रहा है। मेवा परिहार को शिवपुरी बाइक से लाया गया और डॉक्टर डीके बंसल को दिखाया गया।
हाकिम परिहार का कहना था कि डॉ बसंल ने मेडिकल कॉलेज में ले जाने को कहा,मेडिकल कॉलेज में दोपहर 3 बजे मॉ को भर्ती किया गया,मॉ का इलाज शुरू किया 2 घंटे तक नीचे रखा और फिर उनको तीसरी मंजिल पर एक वार्ड में शिफ्ट किया गया था। शाम के समय पेट दर्द की तेज शिकायत होने लगी,बार बार में नर्सों से कह रहा था कि इलाज से आराम नहीं मिल रहा है इस पर नर्स अभद्रता करते हुए बोली की डॉक्टर हम है कि तुम,
एक साथ 5 इंजेक्शन,उल्टी हुई और मौत हो गई
मृतक मेवा परिहार के बेटे ने हाकिम परिहार का कहना था कि देर शाम लगभग 9 बजे 5 इंजेक्शन लगाए गए उसके बाद मॉ को उल्टी हुई और उसकी मौत हो गई। गलत इलाज और लापरवाही के कारण मेरी मॉ की मौत हुई है।
कॉलेज के गार्डो से पिटवाया गया,पुलिस बुला ली
हाकिम सिंह का कहना है कि जब मैने डॉक्टर से पूछने का प्रयास किया की क्या बीमारी थी और कैसे मॉ की मौत हो गई तो पहले से बुलाए गए मेडिकल कॉलेज के गार्डो ने मेरी मारपीट कर दी,मुझे वीडियो बनाने से रोका गया।
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ परमहंस से बात करने का प्रयास किया गया तो संपर्क नहीं हो सका,सूत्रों के अनुसार इस मामले में महिला के पेट में पानी भरा था,इसलिए उसके पेट में तेज दर्द हो रहा था। महिला को उल्टी हुई और वह सांस नली में अटक गई इसलिए उसकी मौत हो गई।
सवाल बड़ा है सिंधिया की देन कॉलेज परिजनों की मारपीट के लिए ळै
मेडिकल कॉलेज शिवपुरी श्रीमंत सरकार की देन है बड़ा ही मुश्किल और संघर्ष के बाद यह कॉलेज अपने अस्तित्व में आया है। कोरोना काल के समय इस कॉलेज को मौत के ताबूत का नाम दिया गया था। क्योंकि इसमें कोरोना काल में लगातार मौतें हो रही थी। अब लापरवाही के कारण इसमें मौत हो रही है। इस मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ है।
वायरल वीडियो के सीन को समझे
कुछ चंद सेकेंड के वायरल वीडियो के सीन को समझे,वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि मृतक मेवा परिहार की डेड बॉडी पलंग पर है,कुछ महिलाएं रो रही है,एक युवक वीडियो बनाते हुए ले जा रहा है डॉक्टर की तलाश करने,वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे की कॉलेज के गार्डो की एक टुकड़ी खडी है जब वीडियो बनाते हुए युवक इन गार्डो के पास पहुंचता है तो गार्ड यह कहते सुनाई दे रहे है कि तुझे परेशानी है और उसकी मारपीट शुरू कर देते है। यह कहा का न्याय है कि एक तो बाइक पर गांव से 20 किलोमीटर दूर से बैठकर आई महिला कॉलेज में घुसते ही उसकी चंद घंटो में मौत हो जाती है उसके बाद इस मौत से परिजनों को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए है अगर है तो उसकी मारपीट कर इस परेशानी का इलाज किया जाता है।
अब इस खबर के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन जारी करेगा प्रेस नोट
इस खबर के प्रकाशन के बाद मेडिकल कॉलेज प्रेस नोट जारी करेगा,इसमें लिखा आएगा कि परिजन महिला नर्सिंग स्टाफ से अभद्रता कर रहे थे,तोड फोड की जा रही थी,मारपीट का प्रयास किया जाएगा,इसलिए सुरक्षाकर्मी बुलाए गए थे। वही इलाज तो बेहतर किया जा रहा था मरीज के किसी अटेंडर ने गलती की होगी या यह कहां जाएगा की पुरानी बीमारी थी। मेडिकल साइंस से भरी लैंग्वेज का इस्तेमाल कर इलाज का सही सिद्ध किया जाऐगा। अभद्रता और तोड़फोड़ के कोई फोटो या सबूत नहीं दिए जाऐगें। इस मामले में जांच के लिए भी कहा जाऐगा जांच मेडिकल कॉलेज का कोई मेडिकल अधिकारी ही करेगा,जांच का पता पब्लिक को नहीं चलेगा।