SHIVPURI NEWS - तालाब की पार में भरी काली मिट्टी, पत्थर भी धसके, 89 लाख रुपए है लागत इस निर्माण की

Bhopal Samachar

शिवपुरी। खबर शिवपुरी शहर के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय से मिल रही हैं जहां पोहरी के वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद ने शिकायत करते हुए बताया कि पोहरी में तालाब का जीर्णोद्धार के कार्य में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग कर ठेकेदार के साथ मिलकर गुणवत्ता विहीन कार्य कराया जा रहा हैं इस संबंध में मैंने नगर परिषद पोहरी में भी शिकायत की,लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं। तालाब का कार्य सही नहीं होगा तो पूरे वर्ष पानी की भारी समस्या हो जायेगी। इसीलिए कार्यवाही करनी अति आवश्यक हैं।

जानकारी के अनुसार पोहरी परिषद में वार्ड 11 में स्थित सेंचुरी के सामने बने तालाब को और अधिक सुन्दर रूप देने के लिए नगर परिषद द्वारा 89 लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर सुंदरीकरण कार्य हेतु कार्य चालू करवाया जिसमें तालाब गहरीकरण पार पर चारों तरफ पेपर ब्लॉक टाइल्स, ग्रेल, चारों तरफ लाइटिंग व पार की मिट्टी को रोकने के लिए वाउण्ड्री वाल निर्माण करना आदि कार्य शामिल थे।

लेकिन ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य करते हुए तालाब की गहराई न करते हुए पूर्व में उसमें स्थित काली मिट्टी की खुदाई कर पार पर काली मिट्टी डालकर ऊँचाई करने से पार पूरी तरह धसक गई जबकि पूर्व में बनी पार मजबूत होने के साथ चौडी थी जिसको ठेकेदार द्वारा साथ ही जो पिचिंग के पत्थर लगाये बो भी धसक गये और जगह-जगह पार में दरारे भी पड गये।

तथा चारों तरफ जो बाउंड्रीवाल का निर्माण किया हैं उसमें भी घटिया निर्माण कार्य करते हुए पिलर के निर्माण ऊपर से रखकर ही बाउंड्रीवाल निर्माण कर दिया जो कि वर्षात के पानी में ही कई जगह बाउण्ड्रीवाल सहित पिलर गिर गये वहीं दूसरी तरफ ताला में पानी भरने के लिए मोरी को बंद करने से पास में मौजूद घरों में पानी भरने की नौबत आ गई।

वहीं पास में किसानों के खेतों में पानी भर जाने से उनकी फसलें पूरी तरह से चौपट हो गयी है जबकि इस बात की शिकायत पार्षद अमित शर्मा द्वारा भी तालाब निर्माण हो रहे है घटिया निर्माण को लेकर कलेक्टर को की थी। जिसके बाद भी इंजीनियर द्वारा मूल्यांकन कर ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया।

जबकि तालाब निर्माण की भूमि क्रमांक 7 पर उच्च न्यायालय का आदेश प्रभावशील होने के बाद भी उस पर ठेकेदार द्वारा उच्च न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए इस ठेकेदार द्वारा तालाब निर्माण में किये जा रहे घटिया निर्माण कार्य सहित उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर ठेकेदार सहित इंजीनियर व अन्य अधिकारियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जाये।