SHIVPURI NEWS - बारिश लेकर वापस लौटे बदरा, जिले में 45 प्रतिशत सरप्लस बारिश, पढ़िए आगे क्या

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में मंगलवार की दोपहर से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था। मंगलवार को अनंत चौदहस का दिन था,श्रीजी की विदाई के लिए पूरा शहर तैयारी कर रहा था। शाम लगभग 4 बजे के बाद बारिश थम गई और बुधवार की सुबह 4 बजे से फिर बारिश शुरू हो गई जो दिन भर जारी रही। आंकड़ों की बात करे तो शिवपुरी जिले में औसत से 45 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है,गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार शिवपुरी जिले में 1180 मिमी बारिश हो चुकी है।  

इसी के साथ दस सालों में बारिश का आंकड़ा पांचवी बार 1 हजार किमी पार पहुंचा है। जिले भर के 80 से ज्यादा छोटे-बड़े तालाब व बांध भी लबालब भर गए हैं। मड़ीखेड़ा बांध का जल स्तर मेंटेन रखने के लिए दो गेट से 137 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।

भू-अभिलेख ने गुरूवार की सुबह  की सुबह 8 बजे की स्थिति में बुधवार और गुरुवार के आंकड़े जारी किए है जिसमें करैरा तहसील में 33 मिमी, नरवर 35 मिमी, शिवपुरी 16 मिमी, खनियाधाना 3 मिमी, पोहरी 18 मिमी, पिछोर 9 मिमी, कोलारस 10 मिमी, बैराड़ व बदरवास में 2-2 मिमी बारिश दर्ज की है।

बुधवार को दिन में दर्ज बारिश गुरुवार की सुबह दर्ज होगी। वहीं मौसम केंद्र भोपाल ने अगले चौबीस घंटे के लिए शिवपुरी जिले में यलो अलर्ट जारी किया है। गुरुवार की सुबह तक 64.5 मिमी से 115.5 मिमी बारिश की संभावना जताई है।

बता दें कि शिवपुरी जिले की सामान्य औसत बारिश 816.3 मिमी है। इधर शहर के गुना बायपास के पास रोड किनारे पेड़ गिर गया। बारिश के चलते बायपास रोड पर तीन दिन में दूसरी बार पेड़ गिरा है।

शिवपुरी जिले में सरप्लस बारिश हो चुकी है। उड़द, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली फसलों में नुकसान के आसार दिख रहे हैं। कल मौसम साफ होता है तो नुकसान घट जाएगा। हालांकि अक्टूबर में रबी सीजन के लिए सरसों की बोवनी शुरू होगी, जिसके लिए बारिश फायदेमंद है। कुछ किसान चने की भी जल्द बोवनी कर देते हैं। ज्यादा बारिश से किसानों को बोवनी से पहले पलेवा की जरूरत बहुत कम रहेगी। - डॉ एमके भार्गव, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी

दो गेट से 137.82 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा, बिजली उत्पादन भी जारी

बुधवार की दोपहर 12 बजे दो गेट से 34.528 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। फिर दोपहर 2 बजे से दोनों गेट से पानी की मात्रा बढ़ाकर 137.82 क्यूमेक्स कर दी। वहीं बिजली उत्पादन के लिए 135.42 क्यूमेक्स पानी अलग से छोड़ा जा रहा है। तीनों मशीनों से 24-24 घंटे यानी 72 घंटे बिजली उत्पादन हो रहा है।