SHIVPURI NEWS - फिर कटघरे में स्वास्थ्य विभाग, सिस्टम से उठा विश्वास-3 घंटे नही एंबुलेंस

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिला स्वास्थ्य विभाग फिर कटघरे में खड़ा हो गया,फिर लापरवाही के कारण एक मौत का मामला सामने आया है,तीन घंटे तक 3 घंटे डेड बॉडी सडक पर पडी रही और रोते रहा पति,पति की गोद में गंभीर बीमार बच्ची थी। लुकवासा के एक मीडियाकर्मी ने इस पूरे मामले की सूचना एसडीएम कोलारस को दी उसके बाद एसडीएम सहित अधिकारियों का अमला मौके पर पहुंचा और एंबुलेंस उपलब्ध हुई और गंभीर बीमार बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस खबर में सबसे प्रमुख बात यह है कि मृतक महिला का इलाज कोलारस के सरकारी कोलारस कराया जा रहा था लेकिन इलाज के अभाव के कारण महिला का पति उसे उठाकर किसी प्राइवेट डॉक्टर के यहां ले जा रहा था और रास्ते में उसकी मौत हो गई।

कोलारस थाना क्षेत्र के ग्राम लुकवासा में शुक्रवार की सुबह एक महिला की बीच सड़क पर मृत्यु हो गई, जबकि उसकी बेटी को हालत गंभीर बनी हुई थी। मामले को सूचना जब जिम्मेदारों को लगी तो अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचे व बच्ची को उपचार के लिए कोलारस स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए। स्वास्थ्य केंद्र में पड़ताल के दौरान पता चला कि मृतिका कोलारस अस्पताल में ही उपचार करवा रही थी, परंतु अचानक लापता हो गई थी।

गुरुवार-शुक्रवार की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था

जानकारी के अनुसार धर्मपुरा निवासी आशा पत्नी अर्जुन आदिवासी उम्र 22 साल व उसकी बेटी सोनम को उल्टी दस्त को शिकायत के चलते गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया था, परंतु वह सुबह अस्पताल से लापता मिली। इसी क्रम में सुबह 11 बजे लुकवासा के पास उसकी सड़क किनारे मृत्यु की सूचना आ गई। वहीं उसकी दो साल की बेटी सोनम की हालत नाजुक बनी हुई है। इस मामले की जानकारी लगते ही कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव के निर्देश पर नायब तहसीलदार शैलेंद्र भार्गव मौके पर पहुंचे और बच्ची को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आए।

उपचार के अभाव में महिला की मौत के मामले में मृतिका आशा के पति का आरोप है कि अस्पताल में रात 12 बजे से सुबह 9:00 बजे तक उसकी पत्नी व बच्ची के उपचार में लापरवाही बरती गई थी। इसी कारण वह अपनी पत्नी व बच्ची को उपचार के लिए लुकवासा प्राइवेट अस्पताल ले जा रहा था। उपचार में लापरवाही के मामले में सीबीएमओ डा. सुनील खंडोलिया का कहना है कि हम मामले की जांच करवा कर उचित कार्रवाई करेंगे।

सरकारी सिस्टम से अधिक झोलाछाप पर विश्वास

इस खबर से यह सिद्ध होता है कि सरकारी अस्पतालों में मरीज के साथ डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का व्यवहार सही नहीं होता है। इलाज से मरीज संतुष्ट नही होता है इस कारण ही झोलाछाप और प्राइवेट अस्पताल फलफूल रहे है। सीएमएचओ डॉ पवन जैन झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही नहीं कर रहे। कार्यवाही उसी डॉक्टर पर हुई है जिसके इलाज से किसी मरीज की मौत होती है और मामला सुर्खियों में आ जाता है।