SHIVPURI NEWS - 2000 मिलियन खर्च फिर भी शहर में जल संघर्ष

Bhopal Samachar

RO जैसा पानी का वादा लेकिन सिंध से रेड वाटर

शिवपुरी। शिवपुरी शहर के प्यासे कंठो के प्यास बुझाने वाली योजना सिंध जलावर्धन योजना पर  2000 मिलियन ( 200 करोड़ रुपए )  खर्च हो चुके है,उसके बाद भी शहर के लोगो के हाथो से प्लास्टिक की कट्टिया नहीं छूट पा रही है,बार पंचर होती लाइन से परेशानी खत्म करने के लिए 5 दिन के लिए सिंध की सप्लाई रोकी गई थी,9 दिन बाद जब सिंध का पानी शहर मे आया तो वह कीचड़ से भरा था। जब नलो से लाल वाटर निकला तो शहर के लोगों का पानी के लिए फिर से हाथो में प्लास्टिक की कट्टिया थामनी पडी।

5 दिन रोकी गई थी सिंध की सप्लाई

ज्ञात रहे कि सिंध की सप्लाई बीते 24 से 28 अगस्त तक रोका गया था। इसके बाद 29 अगस्त को सप्लाई चालू करने के बाद थोड़ा बहुत गंदा पानी शहर की टंकियों में आ पाया था कि पुरानी पाइप लाइन लीक हो गई थी। जिसे सुधारने के लिए टीम जुटी तो बीते शनिवार की दोपहर 1 बजे लीकेज सुधारकर जब सप्लाई शुरू की तो लाइन फिर लीक हो गई। इस

सरकारी कागजो में तक दर्ज हो चुका है गंदा पानी

पिछले दिनों भी जब शहर में गंदे पानी की सप्लाई हो रही थी, तो शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव के नेतृत्व में पीएचई एवं नपा की संयुक्त टीम ने शहर में सर्वे किया था। जिसमें फिजिकल स्थित कालीमाता मंदिर एरिया में जब पानी नलों में आ रहा था, तो जांच टीम को वहां गंदा पानी भरते हुए लोग मिले थे। जांच रिपोर्ट में भी बताया गया कि शहर में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। बावजूद इसके अभी तक नलों से साफ पानी नहीं आ पाया।

दोपहर में आई सप्लाई, तो फिर आया गंदा पानी

नौ दिन बाद सोमवार की दोपहर में जब सिंध की सप्लाई पाइप लाइन से होते हुए शहर की टंकियों व सैंपबेल से होते हुए घरों में लगे नलों में पहुंची तो उसमें फिर वो ही गंदा पानी आया। स्थिति यह रही कि लोगों ने नल लेजम को यूं ही छोड़ दिया, क्योंकि गंदा पानी शहर की जनता आखिर क्यों टंकियों में भरेगी..?। चालू करके ऐसे में लोगों मजबूरी है कि वो या तो ट्यूबवेल से पानी भरें या फिर जहां बोर में साफ पानी आ रहा है, उसे ढोकर ला रहे है।

RO आरओ जैसा शुद्ध पानी देने का वादा

सिंध जलावर्धन योजना से शहर में आरओ जैसा शुद्ध पानी देने का वादा किया था,लेकिन शहर के लोगों ने नगर पालिका की लापरवाही के कारण कीचड़ जैसा पानी झेल रहा है। कारण एक ही है कि सिंध से आए पानी को फिल्टर करने वाला प्लांट कुछ मशीनें पिछले चार माह से खराब है,चार महिने में मशीन सही नहीं हो सकी,इससे बड़ा उदाहरण नगर पालिका के जिम्मेदारों के निकम्मेपन का नही हो सकता है।

यह है सिंध लाइन की पंचर होने का गणित

28 अगस्त को लाइन जोडकर 29 अगस्त की सुबह चलाई तो लाइन फूट गई। उसी दिन दोपहर में 1 बजे जोडी,शाम को सप्लाई हुई तो फिर फूट गई। 01 सितंबर की रात में डेढ़ बजे जोड़ी गई ओर 02 सितंबर की सुबह पानी की सप्लाई फिर शुरू की गई तो लाइन फिर फूट गई। अगर लाइन फिर से जोडी जा रही है अगर लाइन फिर नहीं फूटी तो आज मंगलवार को शहर को पानी मिल सकता है पर सवाल फिर खडा है कि पानी ब्लू होगा या रेड। 

जनता पूछ रही है सवाल कहा है नपा के टैंकर

पेयजल की इमरजेंसी में नगर पालिका के पास टैंकर है जिससे शहर में पानी को बांटकर कुछ लोगों का जलसघंर्ष पर विराम लगाया जा सकता है लेकिन 09 दिनो से सिंध बार बार पंचर हो रही है,वार्डो में जल संकट बना हुआ है लोग जल के लिए संघर्ष कर रहे है लेकिन नगर पालिका के टैंकर नहीं दिखाई दे रहे है। पार्षद भी अब लोगो को जबाब दे-देकर परेशान हो चुके है चाहे वह भाजपा के हो या कांग्रेस के
 
इनका कहना है
शहर में गंदे पानी की हो रही सप्लाई की जांच रिपोर्ट हमने जिलाधीश को और वहां से कमिश्नर को प्रतिवेदन पहुंच गया है। यदि अभी भी शहर में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है, तो मैं नपा सीएमओ से बात करता हूं।
उमेश कौरव, एसडीएम शिवपुरी