धर्मेन्द्र श्रीवास्तव @ शिवपुरी। भारतीय जनता पार्टी का इस समय सदस्यता अभियान चल रहा है,भाजपा का कहना है कि उनकी सरकार में चारो और विकास ही विकास है सुशासन है चारो और खुशहाली है लेकिन यह कुछ तस्वीर जो शिवपुरी समाचार का एक पाठक ने भेजी है उससे भाजपा के इस विकास की पोल खोल दी है जब 3 दिन के एक नवजात शिशु को उसकी मॉ के साथ भगोने में बैठकर ट्यूब के सहारे सिंध नदी को पार करना पडा।
मामला शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा की नरवर जनपद मे आने वाली काली पहाड़ी के सूड गांव से मिल रहा है। सूंड गांव के निवासी सुमंत रावत ने बताया कि 5 सितंबर को रात में पत्नी गीता रावत को प्रसव पीड़ा होने पर ट्यूब पर बैठाकर नदी पार कराना पड़ा था। सुमंत रावत ने बताया कि ट्यूब में बड़ा भगौना फंसा कर उसमें पत्नी गीता को बैठाकर नदी पार कराकर भितरवार अस्पताल में भर्ती कराया था।
डिलीवरी के बाद 7 सितंबर को भी इसी प्रकार पत्नी और नवजात बच्चे को ट्यूब के सहारे नदी पार करानी पड़ी थी। ऐसा उसे ही नहीं, बल्कि गांव के हर ग्रामीण को करना पड़ता हैं। जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को जान का जोखिम उठाना पड़ता है,यह मामला भाजपा के विकास को एक आयना है।
आजादी का अमृत महोत्सव
आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके भारत के कई गांवों में हालात आज भी बदतर हैं। बीते 77 साल में आधुनिक भारत बनाने और देश में विकास की गंगा बहाने का दावा करने वाले अधिकारियों व नेताओं को शायद ये पता नहीं है कि दूरस्थ गांवों के लोगों को बारिश के मौसम में मरीजों को ट्यूबों के सहारे नदियां पार कराकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है।
काली पहाड़ी पंचायत में आने वाले सूड गांव में बारिश के दिनों में गांव चारों तरफ से नदी के पानी से घिर जाता है। इस गांव के ग्रामीण वर्षा काल में अपने गांव में कैद होकर रह जाते हैं। यदि कोई बीमार हो जाए या आपातकालीन स्थिति निर्मित हो जाए तो नदी पार करने के लिए ट्यूब का सहारा लिया जाता है।
वर्षाकाल में स्कूल भी रहता है बंद
सूंड गांव बारिश के मौसम में सिंध नदी के पानी से चारों ओर से घिर जाता है। सूंड गांव में करीब 70 परिवार निवास करते हैं। उन्हें वर्षाकाल में अपने गांव और घरों में कैद रहना पड़ता हैं। ग्रामीण बारिश का सीजन शुरू होने के पहले तीन माह का राशन घरों में जमा कर लेते हैं। साथ ही दवा से लेकर हर जरूरत की चीज खरीद कर रखना पड़ता हैं। इतना ही नहीं इस गांव का प्राथमिक विद्यालय भी वर्षा काल में बंद हो जाता है।
जिससे गांव के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से इस गांव के लोग पुल निर्माण की मांग करते हुए आ रहे हैं। कई अर्जियां प्रशासन से लेकर नेताओं को दीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
विधायक महोदय की दलील पढ़िए
यह बात सही है कि सूंड गांव वर्षा काल में चारों तरफ से पानी से घिरा रहता है। उसमें जो रपटा निर्माण होना है, हमने उसे मुख्यमंत्री के विजन डॉक्यूमेंट में शामिल कराया है। साथ ही इस संबंध में विधानसभा याचिका भी लगी हुई है। रमेश खटीक, विधायक करैरा