भोपाल। चीतो की तीसरी खेप भारत लाने के लिए भारतीय एक्सपर्ट का दल साल के अंत में केन्या या फिर दक्षिण अफ्रीका जा सकता है। अभी केन्या और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही देशों से बातचीत चल रही है। यह बात एनटीसीए के ADG जीएस भारद्वाज ने मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीसरी खोप में चीते कूनों में नहीं आएंगे। यह चीते मप्र के हो गांधी सागर सेंचुरी में ले जाए जाएंगे। उनसे पूछा गया कि वहां तो 10 से भी कम चीतों के लिए ही जगह है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यदि कम स्थान है, तो कम चीते भी लाए जा सकते हैं।
चीतों को नए सिरे से भारत में बसाने के लिए चलाए जा रहे
चीता प्रोजेक्ट के तीसरे फेज में केन्या और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही देश के साथ भारत बातचीत कर रहा है। अब तक यह तय नहीं हो सका है कि चीते कहां से लाए जाएंगे। इस संबंध में एडीजी एनटीसीए का कहना है कि साल के अंत तक उसका निर्णय होने की उम्मीद है। भारत में केन्या से भी चीते आ सकते हैं। उनके साथ हमारी बातचीत चल रही है।
एमओयू ड्राफ्ट हमारी तरफ से तैयार है। अब केन्या सरकार को निर्णय लेना है। दक्षिण अफ्रीका से तो पहले से अनुबंध है, उनके यहां चीते तैयार है, उन्हें सिर्फ लाना है। यदि बातचीत में समय लगता है, तो हमारे यहां के एक्सपर्ट का दल केन्या और दक्षिण अफ्रीका दोनों देशों के भ्रमण के लिए जा सकता है।
फिर दावा- जल्द खुले जंगल में छोड़े जाएंगे चीते
कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में बंद चीते को लेकर एडीजी एनटीसीए भारद्वाज ने दावा किया कि जल्द इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि चीतों को खुले जंगल में छोड़ने के लिए एक्शन प्लान है। इसके तहत चीता स्टीयरिंग समिति बैठक करके निर्णय ले चुकी है। बैठक का ड्राफ्ट आते ही उसके अनुसार चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा।