KUNO NATIONAL PARK में विदेशी चीतों पर वेब सीरीज बनेगी, चार पार्ट शूट होंगे, पढ़िए क्यों

Bhopal Samachar

भोपाल। शिवपुरी-श्योपुर सीमा पर स्थित राष्ट्रीय नेशनल पार्क में विदेशी चीते लाए गए है। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में चीतों को बसाने के प्रयास की कहानी यह दुनिया की पहला मामला है। 75 साल बाद चीतो ने कूनो की धरती पर दौड़ लगाई थी। अब चीतो को आबाद करने की घटना,चुनौतियों पर प्रोजेक्ट चीता वेब सीरीज बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस सीरीज को चार भागों में बनाया जाऐगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। चीतों की विलुप्ति के बाद अफ्रीकी महाद्वीप से भारत में उन्हें बसाने की कठिन कहानी बयां की जाएगी।

जानकारी मिल रही है कि वेब सीरीज का फिल्मांकन संभवत 'प्रोजेक्ट चीता' की दूसरी वर्षगांठ के आसपास शुरू होगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के उप महानिरीक्षक वैभव चंद्र माथुर ने 21 जुलाई को मध्य प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन को लिखे पत्र में कहा कि प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने प्रोजेक्ट चीता पर वेब सीरीज के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

पत्र में शेन फिल्म्स और प्लांटग प्रोडक्शन को मानक नियमों और शर्तों के अनुसार कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में फिल्मांकन करने की सुविधा मुहैया कराने का अनुरोध किया गया। राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन ने छह अगस्त को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

वेब सीरीज के जरिये चीतों को भारत लाने में आई कठिनाइयों, चीतों की स्थिति और भविष्य की अपेक्षाओं को बताने के साथ ही लोगों को इस प्रोजेक्ट की बारीकियों से भी अवगत कराया जाएगा। वेब सीरीज बनाने वालों ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन और 'एमपी टाइगर फाउंडेशन' से संपर्क किया है।

एक अधिकारी ने कहा, वित्तीय सहायता संभव नहीं है, लेकिन हम वेब सीरीज के फिल्मांकन के लिए पूरा सहयोग देंगे। गौरतलब है कि अब तक अफ्रीका से 20 चीते भारत लाए गए हैं। इनमें से आठ चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से लाए गए थे, जबकि फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे। हालांकि, भारत आने के बाद से आठ वयस्क चीतों की मौत हो गई है।

दक्षिण अफ्रीका से लाए जाएंगे और चीते

अधिकारियों के अनुसार, भारत ने वर्ष के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाने के प्रयासों में भी तेजी ला दी है। इस संबंध में वार्ता के लिए एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र दक्षिण अफ्रीका जाएगा। चीतों को लाने को लेकर केन्या से भी बातचीत चल रही है। भारत में चीतों को लाने की कार्य योजना में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से पांच वर्षों में प्रति वर्ष लगभग 12-14 चीते लाने की बात कही गई है।