किडनैपिंग की झूठी कहानी बताकर 30 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाली काव्या धाकड पर मामला दर्ज

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के बैराड़ थाना सीमा में स्थित कालामढ में निवास करने वाली काव्या धाकड ने 5 माह पूर्व अपनी अपहरण की झूठी कहानी रची थी। इस कांड में कालामढ की काव्या ने अपने ही पिता से 30 लाख की फिरौती मांगी थी। अपना अपहरण इसलिए कराया था कि अपने दोस्त के साथ विदेश जा सके। यह अपहरण का मामला दर्ज राजस्थान के कोटा शहर के विज्ञान नगर थाने में दर्ज हुआ था,लेकिन इस केस को ट्रेस इंदौर शहर के भंवरकुआं थाना पुलिस ने किया था।

भंवरकुआं पुलिस के मुताबिक जांच के बाद छात्रा काव्या अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने के बाद उसके दोस्त हर्षित यादव और बृजेंद्र प्रताप अहिरवार पर कार्रवाई की है। पुलिस को कोटा के विज्ञान नगर थाने से छात्रा के अपहरण की सूचना मिली थी। उसमें एक पिता ने बताया कि उनकी बेटी का अपहरण हुआ है। अपहर्ता ने 30 लाख की फिरौती मांगी। इसके बाद जयपुर और कोटा में छात्रा की जानकारी निकालकर उसकी उसकी तलाश की गई।

बाद में पुलिस को पता चला कि छात्रा ने अपने दोस्तों के साथ इंदौर में पूरी साजिश को अंजाम दिया। छात्रा ने अपनी मर्जी से खुद के हाथ पैर बंधवा कर फोटो खिंचवाए और माता-पिता को भेज दिए। इंदौर से बरामदगी के बाद कोटा पुलिस ने जांच के बाद प्रकरण इंदौर पुलिस को फिर सौंप दिया है। इसके बाद भंवरकुआ पुलिस ने धाराएं बढ़ाई हैं।

सहेली के रूम से बरामद किया था पुलिस ने

18 मार्च 2024 को खुद को लापता बताने वाली काव्या और हर्षित को उसकी सहेली के इंदौर स्थित रूम से 15 दिन बाद बरामद किया गया था। बाद में कोटा पुलिस को सौंप दिया गया था। इसके बाद कोटा पुलिस को सूचना दी गई। सहेली का रूम देवगुराड़िया (खुड़ैल) के आगे इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास था। लापता बताकर छात्रा अमृतसर में रुकी थी।

अपने ही अपहरण की रची थी झूठी कहानी

काव्या के परिजन ने उसे नीट की तैयारी करने कोटा भेजा था। पिता रघुवीर धाकड को 18 मार्च की दोपहर 3 बजे मोबाइल पर बेटी की किडनैपिंग का मैसेज आया था। बेटी के हाथ-पैर और मुंह बंधी फोटो भी भेजी गईं। कुछ फोटो में काव्या के चेहरे पर खून भी नजर आ रहा था। उसे जिंदा छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। मैसेज भेजने वाले ने बैंक खाते की डिटेल भी भेजी थी।

रघुवीर ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की थी। जहां से मामला कोटा पुलिस को भेजा गया था। कोटा पुलिस को तहकीकात के दौरान पता चला कि अपहरण की कहानी झूठी है और वह अपनी सहेली के यहां छुपी है। उसके वीडियो भी सामने आए थे।