SHIVPURI SAMACHAR खबर का असर - जूता चप्पल और लात घूसो से मरीज का इलाज करने वाला डॉक्टर सस्पेंड

Bhopal Samachar

शिवुपरी। शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोड के चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग तिवारी का सस्पेंड कर दिया। डॉक्टर पर अस्पताल में मरीजो का जूता चप्पल और लात घूसों ट्रीटमेंट किया था। डॉ तिवारी की इस स्पेशल ट्रीटमेंट की वीडियो वायरल हो गई थी,इस खबर का प्रकाशन सबसे पहले शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने डॉक्टर ने किया युवको का लात घूसो और चप्पलों से उपचार, 181 लगा दी थी शीर्षक से प्रकाशन किया था।  


जैसा विदित है कि पिछोर अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम गुईया देवरी के चंदन जाटव पिता गणपत जाटव 30 साल,गौरव पुत्र मुन्नालाल जाटव और भानु प्रताप जाटव पुत्र प्रभु दयाल जाटव  के तीन युवकों की मोटरसाइकिल रोड पर असंतुलित होकर गिर गई जिससे जाटव समाज के युवकों को कुछ चोट आई और युवकों ने 108 पर कॉल किया और छोड़ स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे और उपचार के लिए खोड़ स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ प्रभारी डॉक्टर साहब को बार-बार बुलाया गया परंतु बार-बार बुलाने पर भी डॉ अनुराग तिवारी के ना आने पर जाटव समाज युवकों के द्वारा 181 पर कॉल कर अपनी समस्या से अवगत कराया गया। बस यही बात डॉक्टर अनुराग तिवारी को न गबार गुजरी और वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे।

30 जुलाई की  शाम युवको फोन लगाकर उनकी समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर अनुराग तिवारी ने जाटव समाज के लोगों को स्वास्थ्य केन्द्र पर बुलाया और कुर्सी पर बिठाकर पहले तो बारी बारी से चाटे मारे,उसके बाद जूते और चप्पलों से उसकी पिटाई शुरू कर दी,बताया जा रहा है कि युवक का उपचार लट्ठों से भी डॉक्टर साहब ने किया था।

जाटव समाज के युवकों की मारपीट करने के बाद भी डॉ अनुराग तिवारी को तसल्ली नहीं हुई और युवाओं से उनके मोबाइल छीन कर अपने पास रख लिए और अब हम वहां से इसी हाल में भगा दिया,और बोले की हम अपने हिसाब से 181 का समाधान कर लेगें।

उक्त पर संज्ञान लेते हुए डॉ. तिवारी को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1966 और मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

निलंबन काल में उनका मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक, स्वास्थ्य सेवाएँ, ग्वालियर संभाग, ग्वालियर नियत किया गया है। उक्त संबंध में थाना भौती ओंपी. खोड में डॉ. तिवारी, के विरूद्ध धारा 115, (2), 351 (3) 296 के तहत एफ.आई.आर. भी दर्ज की गयी है।