शिवपुरी। शिवपुरी समाचार डॉट की खबर का असर हुआ है। 9 माह की मासूम की मौत के बाद शिवपुरी समाचार ने सवाल, क्या जिंदा इंसान सरकारी कागज पर सिर्फ आंकड़ा है, कागज की देरी से गई मासूम जान - X-RAY by LALIT MUDGAL शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। इस खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग को अपना प्रेस नोट जारी करना पड़ा,साथ में स्वास्थ्य विभाग ने अपने जमीनी अमले को बच्चों की हेल्थ के लिए निर्देश भी जारी किए है और इस मामले में दावा किया है कि मासूम की मॉ बच्ची शिवपुरी जिले के किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं ले गई जब बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंची थी उससे पहले की मासूम की मौत हो चुकी थी।
पहले पढे विभाग से जारी प्रेस नोट कम शब्दों मे
शिवपुरी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन ने आम नाग़रिकों से अपील की है कि कोई भी बच्चा बीमार हो तो आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता अथवा कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर को सूचित करें। जिससे वह बच्चों के उपचार का समुचित प्रबंधन कर सके। आपात स्थिति में बच्चों को रैफरल हेतु 108 एम्बुलेंस की जिले में उपलब्धता भी है।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि शिवपुरी सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष संवेदनशीलता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य अमले को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी बच्चा यदि बीमार पड़ता है तो उसके परिजन आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को सूचित करें तो वह उपचार प्रबंधन हेतु हर आवश्यक सहयोग करने का कार्य करें।
उल्लेखनीय है कि पिछोर विकासखंड के उप स्वास्थ्य केन्द्र तिजारपुर अंतर्गत ग्राम गुरजा निवासी मनीषा आदिवासी पत्नी चउआ आदिवासी रक्षाबंधन के अवसर पर अपनी 11 माह की पुत्री रामबेटी के साथ कोलारस विकासखंड के उप स्वास्थ्य केन्द्र अटरूनी के मजरा रामपुरी पहुंची थी जहां बच्ची का स्वास्थ्य खराब होने पर नजदीकी ग्राम टुयावद में एक झोलाछाप डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले गए ,जहां उपचार से आराम न मिलने पर लुकवासा में भी सरकारी अस्पताल न जाते हुए झोलाछाप डॉक्टर के पास उपचार के लिए ले जा पहुंचे।
बच्ची की तबीयत संभलते न देख लुकवासा के झोला छाप डाक्टर ने कोलारस अस्पताल ले जाने की सलाह आदिवासी परिवार को दी। इसके बावजूद कोलारस के सरकारी अस्पताल के लिए न ले जाकर प्राइवेट प्रैक्टिशनर के पास उपचार के लिए ले गए जहां भी बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार न होने पर जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे जहां उपचार के दौरान रात 10 बजकर 50 मिनट पर बच्ची की मृत्यु हो गई थी। इसके उपरांत सीएमएचओ शिवपुरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सख्त निर्देश स्वास्थ्य कर्मचारियों को दिए हैं।
प्रेसनोट में फंस गए सीएमएचओ डॉ पवन जैन
शिवपुरी जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पवन जैन ने मीडिया को जारी प्रेस नोट में दावा किया है कि मनीषा आदिवासी ने अपनी 11 माह की बेटी रामबेटी को सबसे पहले ग्राम टूयावद में एक झोलाछाप डॉक्टर से उपचार करया,उसके बाद लुकवासा में भी झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया,कोलारस में भी एक प्रायवेट प्रेक्टिशनर से इलाज कराया,जब वहां भी आराम नहीं मिला तो उसके बाद मनीषा अपनी बेटी को लेकर जिला अस्पताल लेकर पहुची जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी प्राथमिक जांच में यह जानकारी जुटा ली कि बच्ची का लुकवासा और कोलारस में ओर टूडयावाद में किसी झोलाछाप डॉक्टर से जांच कराई है लेकिन उनके नाम उजागर नहीं किए है।
इस मामले में देखा जाए तो यहां मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशों की अवहेलना जिला स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। सीएम ने मप्र के सभी CMHO को निर्देश दिए थे कि अपने अपने जिले में झोला छाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करे। शिवपुरी के स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई के नाम पर जंगल में खोड सेक्टर के वीरा गांव में तीन झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही कर दी,लेकिन शिवपुरी नगर, लुकवासा, कोलारस, बैराड़, पोहरी, करैरा और नरवर मे किसी बडी प्रैक्टिस वाले झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही नहीं की।
इस मामले से बचने के लिए यह प्रेस नोट जारी कर दिया कि लुकवासा और कोलारस के सरकारी अस्पताल में बच्ची को इलाज के लिए नही ले जाया गया, बल्कि झोलाछाप डॉक्टरों से उपचार कराया गया,अब सवाल यह बनता है कि प्रेस नोट जारी करने से पहले इन झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही क्यो नही की और इनको अभय दान क्यो दिया गया है सवाल बड़ा और डॉक्टर पवन जैन से जवाब मांग रहा है।
यदि डॉक्टर पवन जैन वाकई ईमानदार हैं तो प्रेस नोट वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करके दिखाएं। नहीं तो यह माना जाएगा कि, इन्वेस्टिगेशन में डॉक्टर पवन जैन ने अपराधी झोलाछाप डॉक्टरों को पकड़ लिया था परंतु फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की। जनता जानती है कि यह रिश्ता क्या कहलाता है।