खानियाधाना। शिवपुरी जिले के पिछोर अनुविभाग के बामौरकला थाना सीमा के सुलारखुर्द गांव में बीते रोज एक दुधमुंही की हत्या दुधमुंही की मां की बीएफ ने कर दी थी। पुलिस ने बच्ची की मां की फरियाद पर आरोपी बीएफ के खिलाफ अपराध 124/2024 धारा 103 बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
पुलिस अधीक्षक शिवपुरी ने आरोपी पर 10 हजार का इनाम भी घोषित कर दिया। आज पुलिस ने इस हत्यारे का जंगल से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है,इस अबोध दुधमुंही बच्ची का आरोप इतना था कि वह रो रही थी,इसी बात पर नाराज होकर आरोपी ने बच्ची के पैर पटक कर जमीन पर मार दिया।
इस निर्मम हत्याकांड के बाद शिवपुरी एसपी श्री अमन सिंह राठौड़ ने हत्यारे पर 10 हजार का इनाम घोषित कर इसे तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दिए। पिछोर एसडीओपी ने आरोपी भैयालाल आदिवासी को गिरफ्तार करने के लिए चार टीमों गठन किया। आरोपी भैयालाल दुधमुंही बच्ची की हत्या कर जंगल में फरार हो गया था। पुलिस की चार टीमों ने मंगलवार की देर शाम तक सर्चिंग अभियान चलाया लेकिन पुलिस को सफलता नही मिली थी।
लेकिन आज सुबह पुलिस की टीमों ने आरोपी को पकडकर फिर जंगल को सर्च किया तो आरोपी एक पेड़ पर चढकर छुपा हुआ बैठा था। पुलिस ने आरोपी भैयालाल को गिरफ्तार कर लिया।
यह था मामला
सुलार खुर्द का रहने वाला भैयालाल आदिवासी उम्र 19 साल पुत्र भोला आदिवासी बैंगलोर में मजदूरी का काम करता था,बैंगलोर में भैयालाल की मुलाकात मजदूरी करते समय जयंती आदिवासी पत्नी परमानंद आदिवासी उम्र 35 साल निवासी टीकमगढ़ से हो गई थी। जयंती और भैयालाल आदिवासी मुलाकात प्यार में बदल गई।
बताया जा रहा है कि जयंती आदिवासी अपने तीन बच्चों में से सबसे छोटी बेटी छाया उम्र 1 साल को लेकर बैगलौर से अपने पति को बिना बताए भागकर लगभग 20 दिन पूर्व भैयालाल के साथ सुलारखुर्द आ गई थी और दोनों लिवइन रिलेशन में रहने लगे थे।
आज मंगलवार की सुबह जयंती आदिवासी ने बामौरकला थाना आकर बताया कि सोमवार की रात लगभग 12ण्30 बजे मेरी बेटी छाया रोने लगी थी छाया का रोना सुनकर भैयालाल परेशान हो गया और छाया की मारपीट करने लगा,जिससे छाया ओर रोने लगी इसके बाद भैयालाल बोला की आज इसको जान से मार देता हूं,इसके बाद भैयालाल ने छाया के पैर पकड़कर जमीन मे मार दिया।
जिससे उसके सिर और मुंह से खून निकलने लगा,फिर भी भैयालाल का क्रोध शांत नही हुआ उसने छाया के मुंह पर हाथ रखकर दबाना शुरू कर दिया,कुछ देर बाद छाया की रोने की आवाज आना बंद हो गई।