SHIVPURI NEWS - बावड़ी के पास गढ़ा है सैकड़ों क्विंटल सोना, सर्पदेव करते है रक्षा, ऐतिहासिक स्थान है

Bhopal Samachar

मुस्कान खान  @ शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा की खनियाधाना तहसील से 18 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत पचराई में झिलमिल बावडी एक प्राचीन स्थान है यह बावड़ी राजा जैत के समय की है। किसी जंगली जानवर के काटने के बाद इस बावड़ी के स्नान मात्र से इंसान सही हो जाता है वही इस बावड़ी में सैकड़ों क्विंटल सोना होने की बात ग्रामीण हमेशा करते है यह बात कितनी सत्य है इसका दावा शिवपुरी समाचार नहीं करता है।

यह है इस झिलमिल बावड़ी का इतिहास

झिलमिल बावड़ी राजा जैत की समय की बताई जाती है,कहा जाता है कि इस बावड़ी का निर्माण राजा जैत ने काया था,यह बावड़ी साधकी की तप स्थली पर रही है। इस बावड़ी के चारों ओर मंदिर बने हुए है,इसमें सबसे प्रमुख हनुमान जी का मंदिर है।

यह है किवदंती

इस बावड़ी के विषय में कहा जाता है इसमें कभी भी जल कम नहीं होता है इसका जल निर्मल है और अत्यंत मीठा है साथ में इस बावड़ी का जल पीने से आपका मन नहीं भरेगा पेट भर सकता है। मान्यता है कि  किसी जंगली जानवर के काटने के बाद में इस बावड़ी में स्नान मात्र से इंसान सही हो जाता है।

हनुमान मंदिर के नीचे गोल्ड होने का दावा

बताया जाता है कि इस बावड़ी के पास स्थित हनुमान मंदिर के नीचे और आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों क्विंटल सोना छुपा हुआ है कई बार लोगो ने पहाड़ पर सोना खोजने की कोशिश की है लेकिन वह सफल नहीं हुए है। कुछ लोगो को यहां पर धातुओं की मूर्ति मिलने की बात भी कही जाती है।

राजा ने जिंदा समाधि ली थी जो आज तक रानियों सहित खडी है

अशोक सिंह यादव पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत पचराई ने बताया कि झिलमिल वावडी के पानी पीने से किसी भी जहरीले जानवर के काटने का जहर का असर नहीं होता जिसे पीने यहां दूर दूर से लोग आते है यहां जैत राजा की मूर्ति खड़ी हुई है। उसकी सात रानियां थी तथा राजा ने जिंदा समाधि ली थी जो आज तक रानियों सहित खडी है तथा वावडी के पीछे जो जगह है उसमें कभी धन है तथा तथा यहां कुछ समय पहले एक बाबा आए थे।

जिन्होंने यहां 50 हजार लोगों का भंडारा भी किया था जिसके बाद बाबा ने खुदाई भी कराई थी जिसमें दो कलश निकले थे बडे बुर्जुगों का कहना है कि यहां जो भी गलत नियत से जाता है उसे सर्प डस लेता है पुराने समय में पंडित हरीराम जी यहां धन के लालच में गये थे जिनकी सांप के काटने से मृत्यु हो गई थी।
 

रक्षा यहां एक सांप करता है

नारायण सिंह ने बताया कि यह वावडी जैत राजा के लिए जाना जाता है इस वावडी का जल पीने से कुत्ता व अन्य जानवरों का काटा ठीक हो जाता है डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पडती। बृजमोहन यादव ने बताया कि इस वावडी के आस पास के स्थान में बहुत सोना चांदी है कहते है कि इसे निकालने के लिए यहां बाहर से कुछ लोग आए थे जिन्होंने अपनी जान से हाथ धोना पडा जिसकी रक्षा यहां एक सांप करता है।