SHIVPURI NEWS - माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व बनाए जाने की तैयारी शुरू

Bhopal Samachar

शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी का प्रदेश का आठवा टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी फिर से शुरू कर दी है,इससे पूर्व जब यह तैयारी शुरू की थी जब शिवपुरी की पूर्व विधायक यशोधरा राजे ने एनओसी नहीं दी थी,लेकिन अब चुनाव के बाद विधायक और सांसद बदल चुके है अब सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी सहमति देकर सहमति पत्र भी जारी कर दिए है अब सब कुछ सही रहा तो माधव नेशनल पार्क अब प्रदेश का आठवां रिजर्व होगा।

माधव नेशनल पार्क छोटा है

शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क प्रदेश के अन्य पार्कों की तुलना में सबसे छोटा है, इसलिए टाइगर लाने के बाद उनके संरक्षण के लिए अतिरिक्त जंगल की जरूरत है। चूंकि माधव नेशनल पार्क में टाइगर आने के बाद उन्हें पूरे जंगल में विचरण के लिए जगह चाहिए, इसलिए जब अतिरिक्त जंगल मिल जाएगा तो फिर टाइगर को किसी तरह का व्यवधान नहीं होगा। यही वजह है कि टाइगर रिजर्व बनाया जाकर उसका एरिया बढ़ाए जाने की कवायद शुरू हो गई।

फॉरेस्ट के पास है 3500 वर्ग किमी

माधव नेशनल पार्क 375 वर्ग किमी एरिया में है, जबकि सामान्य वन के पास 3500 वर्ग किमी एरिया है। यही वजह है कि माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने शासन को भेजे प्रस्ताव में यह मांग की है कि सामान्य वन की जमीन में से लगभग 1276 वर्ग किमी जमीन या इससे अधिक जमीन टाइगर रिजर्व के लिए हस्तांतरित कर दी जाए। पार्क प्रबंधन उक्त जमीन मिलने के लिए इसलिए भी 'आशान्वित है, क्यो की देश के केन्द्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद इस प्रोजेक्ट के लिए उत्साहित है।

यह तैयारी शुरू कर दी है माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने

सामान्य वन मंडल से 1276 वर्ग किमी का जंगल शामिल करके टाइगर रिजर्व की शर्त को पूरा करने की तैयारी माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने कर ली थी। इसके बाद जब शिवपुरी में टाइगर रिजर्व बनाए जाने का पहला प्रस्ताव भेजा गया था, तब शिवपुरी की पूर्व विधायक ने अपनी सहमति का पत्र नहीं दिया था। जिसके चलते फरवरी में हुई स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक में स्वीकृति नहीं मिल पाई थी।

अब चूंकि विधायक से लेकर सांसद तक बदल गए, इसलिए नेशनल पार्क प्रबंधन द्वारा भेजे गए टाइगर रिजर्व के दूसरे प्रस्ताव के साथ सभी जनप्रतिनिधियों के सहमति पत्र भी भेज दिए हैं। पार्क प्रबंधन भी इस बात से आश्वस्त है कि अब होने वाली स्टेट वाइल्ड लाइफ की बैठक में शिवपुरी को टाइगर रिजर्व बनाए जाने की स्वीकृति मिल जाएगी।

सांसद की जुलाई में मिली सहमति

माधव नेशनल पार्क शिवपुरी को टाइगर रिजर्व बनाए जाने का दूसरा प्रस्ताव भेजने से पहले पार्क प्रबंधन ने सभी विधायकों की फरवरी में बैठक करके सहमति ले ली थी। चूंकि उस दौरान लोकसभा चुनाव नह हुए थे, इसलिए प्रस्ताव को रोके रखा तथा बीते जुलाई माह में क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपना सहमति पत्र दे दिया है। अब सभी जनप्रतिनिधियों की सहमति मिलने के बाद माधव नेशनल पार्क प्रबंधन शिवपुरी ने दूसरा प्रस्ताव भेज दिया है।

प्रदेश का आठवां होगा टाइगर रिजर्व

मध्य प्रदेश को बाघों का प्रदेश कहा जाता है, क्योंकि देश की अन्य स्टेटों की बजाय मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ 758 हैं। प्रदेश में अभी सात टाइगर रिजर्व हैं, जिसमें सातवां बीते वर्ष ही वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। जबकि सतपुड़ा, पेंच, कान्हा, पन्ना, बांधवगढ़ व संजय दुबरी टाइगर रिजर्व पहले से हैं। शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क प्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व होगा

वन अधिनियम की जगह टाइगर रिजर्व के नियम लागू हो जाएंगे

शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाए जाने के लिए सामान्य वन मंडल की 1276 वर्ग किमी वन भूमि को शामिल किया जाएगा। जिसमें 13 गांव शामिल हैं, जो टाइगर रिजर्व बनने के बाद बफर जोन में आ जाएंगे। चूंकि एक बार जब स्टेट वाइल्ड लाइफ के बाद सेंट्रल वाइल्ड लाइफ के पास प्रस्ताव जाएगा, उस दौरान उक्त वन भूमि को टाइगर रिजर्व में शामिल करने की अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएगी। चूंकि जो वन भूमि एरिया टाइगर रिजर्व में शामिल होगा, वहां पर वन अधिनियम की जगह टाइगर रिजर्व के नियम लागू हो जाएंगे।

 माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव भेज दिया

विधानसभा व लोकसभा चुनाव के बाद बदले सभी जनप्रतिनिधियों के सहमति पत्रों के साथ हमने दूसरी बार माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया। चूंकि इस बार सभी जनप्रतिनिधियों के सहमति पत्र हैं, तो बैठक में स्वीकृति की पूरी उम्मीद है। - उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ सिंह परियोजना शिवपुरी