SHIVPURI NEWS - मडीखेडा बांध बिजली उत्पादन शुरू, शाम तक खुल सकते है गेट : पब्लिक नोटिस जारी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण जिले की औसत बारिश का आंकड़ा पार हो चुका है। वही मडीखेडा डैम से भी गुड न्यूज मिल रही है कि मडीखेडा डेम का जलस्तर 343 मीटर पार हो गया है,इस कारण मडीखेडा बांध से शनिवार की शाम से पानी छोड़कर बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है,वही सिंध नदी के लगातार उफान के कारण मडीखेडा डैम प्रबंधन ने आज शाम को गेट खोलने को लेकर पब्लिक प्रेस नोट भी जारी कर दिया है।  बांध से 140- क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है जिससे 9 घंटे बिजली उत्पादन होने लगा है।

जानकारी के मुताबिक मड़ीखेड़ा बांध का शनिवार की सुबह जल स्तर 343.10 मीटर और देर शाम 343.25 मीटर हो गया। जल स्तर 343 मीटर पार होते ही बांध का जल स्तर बनाए रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मडीखेडा बांध की भराव क्षमता 346.25 मीटर है। मड़ीखेड़ा बांध से पॉवर - जेनरेशन कंपनी को मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह के लिए शाम 6 बजे से 4 क्यूमेक्स पानी छोड़ना शुरू कर दिया है।

इससे 9 घंटे बिजली बनना प्रारंभ हो गई है। बिजली बनाने के लिए पानी छोड़ने से पहले जल विद्युत गृह पर सारी तैयारियां कर ली गई थीं। जैसे-जैसे बांध का जल स्तर बढ़ेगा, उसी हिसाब से बिजली उत्पादन भी बढ़ता चला जाएगा। बांध का जलस्तर ज्यादा बढ़ने की स्थिति में ही गेट खुलेंगे। बता दें कि पिछले साल कम बारिश के कारण एक भी बार गेट नहीं खुल पाए थे। इस बार अच्छी बारिश के चलते गेट खुलने की उम्मीद है।

खुल सकते है मडीखेडा डैम के गेट

कार्यपालन यंत्री मडीखेडा ने पब्लिक सूचना जारी की है कि मडीखेडा बांध के वर्तमान जलस्तर,जल संग्रहण क्षेत्र से प्राप्त  सूचना,मौसम विभाग द्वारा जारी  चेतावनी एवं बांध के जल आवक को दृष्टिगत रखते हुए मड़ीखेड़ा अटल सागर बांध के  जलद्वारों से आज सायं 7 बजे   1000 क्यूमेक्स  जल छोड़ा जा सकता है उक्त जल  मोहिनी बांध के माध्यम से सिंध नदी में पहुंचेगा। सभी आमजन को सूचना दी जाती है कि नदी के आसपास क्षेत्र से दूर रहे एवं अन्य नागरिकों को भी सूचित करें।

बिजली उत्पादन के लिए तीन यूनिट शुरू

मड़ीखेड़ा बांध से नीचे नरवर रोड किनारे मड़ीखेड़ा जल विद्युत गृह स्थापित है। 24-24 घंटे बिजली उत्पादन क्षमता की 3 यूनिट स्थापित हैं, जिनसे 72 घंटे बिजली उत्पादन लिया जाता है। बांध से पानी छोड़ने से पहले बिजली उत्पादन होता है, फिर यह पानी मोहिनी सागर बांध में पहुंचता है। अटल सागर बांध से छोड़े पानी से मोहिनी सागर बांध भरता है।