बदरवास। शिवपुरी जिले की कोलारस विधानसभा के बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत टीला कलां के अंतर्गत गोरा गांव आता है। इस गांव का रास्ता भारी बारिश के चलते सिंध नदी की गोद में समा गया है। ऐसे में गांव टापू बन गया है और गांव वालों को ट्यूब पर बैठकर रास्ता पार करना मजबूरी है। वर्तमान में गांव के हालात यह हैं कि वहां न तो कोई स्वास्थ्यकर्मी पहुंच पा रहा है और न ही स्वास्थ्य सेवाएं।
नदी में पानी भर जाने के कारण गांव के स्कूल की अघोषित रूप से छुट्टी हो चुकी है, क्योंकि शिक्षक स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। गांव का रास्ता नदी में से ही है। आजादी के बाद से आज तक गांव में अदद रास्ता नहीं बना है। ग्रामीणों के अनुसार इसे लेकर वह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधायक महेंद्र यादव सहित कई लोगों को ज्ञापन दे चुके हैं, बावजूद इसके उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
वहीं बदरवास जनपद सीईओ अरविंद शर्मा का कहना है कि रास्ता बंद होने या न होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
ऐसे पार करते हैं रास्ता
ग्रामीण प्रमोद केवट के अनुसार जिस ग्रामीण को रास्ता पार कराना होता है उसे ट्यूब पर बिठा लिया जाता है। इसके अतिरिक्त दो तैराक नदी में कूदते हैं जो तैरते हुए ट्यूब में धक्का देकर व उसे खींच कर दूसरे किनारे तक ले जाते हैं। किनारे पर पहुंच कर राहगीर उत्तर जाता है। हालांकि रविवार की शाम से ट्यूब की सवारी भी बंद हो गई है।
...तो गांव में ही होते हैं प्रसव
ग्रामीणों के अनुसार वैसे तो वर्ष भर ही जननी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पहुंचती है, लेकिन बारिश के दिनों में तो स्थिति यह बन जाती है कि किसी प्रसूता को अगर प्रसव होना होता है तो गांव में ही परेशानी उठाकर प्रसव कराया जाता है। टीकाकरण की स्थिति यह है कि जिस दिन नदी का पानी उतर जाता है उस दिन नर्स को फोन किया जाता है। इसके बाद वह टीकाकरण के लिए पहुंचती है।