शिवपुरीं। चिकित्सा विज्ञान हमेशा सांप के काटे जाने के बाद तत्काल मेडिकल उपचार के लिए कहता है। समय समय पर सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी सांप के काटे जाने के बाद झाड़ फूंक का सहारा ना लेते हुए इलाज कराने की कहता है लेकिन फिर भी अंधविश्वास के कारण लोग सांप के काटने के बाद झाड़ फूंक कराने में अधिक विश्वास करते है।
ऐसे ही अंधविश्वास के कारण आज एक 32 साल के युवक की मौत मेडिकल कॉलेज में हुई है। सीधे शब्दों में लिखे तो युवक की मौत का कारण परिजन ही है जो उसे सीधे अस्पताल ना लाकर झाड़ फूंक कराने ले गए।
गुना के युवक की मेडिकल कॉलेज में मौत
जानकारी के अनुसार गुना जिले के सिरसी गांव के रहने वाले 32 वर्षीय कालीचरण पुत्र बबलू कुशवाह को चार दिन पहले घर में सोते वक्त एक जहरीले सांप ने गर्दन में काट लिया था। इसके बाद परिजन कालीचरन को अस्पताल न ले जाते हुए गांव में झाड़फूंक में लगे रहे थे।
राजस्थान तक ले गए युवक को
परिजन इतने पर ही नहीं रुके जब गांव की झाड़फूंक से कालीचरन को आराम नहीं मिला तब परिजन कालीचरन को राजस्थान के कस्बा थाने झाड़फूंक के लिए ले गए। राजस्थान के कस्बा थाना में भी जब आराम नहीं मिला। तब परिजन कालीचरन को लेकर शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे थे।
3 दिन तक डॉक्टर और कालीचरण का संघर्ष
बताया जा रहा है कि कालीचरण की हालत बहुत खराब हो चुकी थी। डॉक्टरों ने लगातार 3 दिनों तक कालीचरण को बचाने का प्रयास किया। हालांकि, उसकी जान नहीं बच सकी। बताया गया हैं कि परिजन कालीचरन की झाड़फूंक में समय न गंवाते तो उसकी जान भी बच सकती थी।