नरेन्द्र जैन:खनियाधाना। शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा की खनियाधाना तहसील के बादली गांव के समीप घने जंगल में स्थित पनरिया नाथ महादेव मंदिर का वाटर फॉल अपने पूरे शबाब के साथ अब गिरने लगा है। अंचल में हो रही लगातार बारिश के कारण रेनी-डे को पसंद करने वाले और प्राकृतिक स्थलों को पसंद करने वाले पर्यटक पनरिया नाथ पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। पर्यटक जहां झरने मे नहा कर मस्ती कर आनंद ले रहे है।
खनियाधाना से मायापुर रोड से 15 किलोमीटर टू लेन सड़क पर ग्राम बादली के पास जंगल में प्राचीन शिव मंदिर है जिसे पनरिया नाथ के नाम से भी जानते है। इस वाटर फॉल के कारण इस शिव मंदिर का नाम पनरिया नाथ पडा होगा,पक्की टू लेन सड़क से दो किलोमीटर अंदर जंगल मे कच्ची गिट्टी मुरम की रास्ता आपको मंदिर तक ले लाऐगी।
इस प्राचीन शिव मंदिर पर भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित होकर अन्य देवी देवताओं की भी प्रतिमा है,मंदिर पर प्रतिदिन पूजा अर्चना और रामायण का पाठ होता है,आम सोमवार के दिन यहां भक्तों की भीड़ रहती है,वही सावन ओर मानसून काल में यहां वाटर फॉल शुरू होने के कारण अत्याधिक पर्यटक यहां पहुंचने लगते है।
एक और मंदिर है वहीं दूसरी ओर पनरिया नाथ का वाटरफॉल है इस वाटरफॉल की ऊंचाई शिवपुरी जिले प्रसिद्ध वाटरफॉल पवा से भी अधिक है,पवा का वाटरफॉल नदी बनाती है लेकिन पनरिया नाथ का वाटर फॉल स्थानीय जंगल के पानी से बनता है और लगभग 250 से 300 फुट की उंचाई से गिरता यह झरना मन का मोह लेता है।
पिछले दिनो से लगातार हो रही बारिश के कारण यह वाटरफॉल अपने पूरे शबाब पर है और अपनी पूरी ताकत से यह झरना गिर रहा है। इस झरने पर नहाने के लिए सैकड़ों लोग अभी पहुंच रहे।
इस वाटरफॉल पर यूपी पास होने के कारण उत्तर प्रदेश के पर्यटन भी बड़ी संख्या में यहां इस झरने का लुत्फ उठाने के लिए आ रहे है।
पर्यटन की दिशा में आगे कदम, लेकिन
शिवपुरी जिले में वैसे तो आधा दर्जन वाटरफॉल है,लेकिन पनरिया नाथ का वाटरफॉल की विशेषता यह है कि एक तो यह अधिक ऊंचाई से गिरता है दूसरा इसे हम सामने से देख सकते है और सामने से देखने बाद पर्यटक को कोई खतरा नही है। बाकी जिले के अन्य वाटर फॉल को सामने से नही देख सकते है। पवा का वाटरफॉल को हम सामने से नही दिख सकते है।
पनरिया नाथ वाटर फॉल पर मानसून काल में अत्यधिक भीड़ हो जाती हैै। कई परिवार मंदिर पर दर्शन करने और वाटरफॉल का आनंद लेने जाते है,ऐसे में यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नही है,उपद्रवी युवा यह उपद्रव करते हुए मिल जाऐगे। वह पहाड़ पर चढ़कर वह स्टंट करने का प्रयास करते है जो सुरक्षा की दृष्टि से घातक है,पैर फिसलने के कारण यहां कई दुर्घटनाएं होती देखी गई है।