शिवपुरी। धरती पर पेड़ों की रक्षा करने के लिए वन विभाग अस्तित्व में लाया गया होगा,वन विभाग का सर्वप्रथम और मूल कार्य पेड़ों की रक्षा करना और उन्हें पालना पोसना होता है,इस मानसून काल में प्रदेश सरकार ने मुहिम चलाकर पौधरोपण कराया है। इसमें आम नागरिक ने भाग लिया,लेकिन जितने पेड़ इस मानसून काल में सभी सरकारी विभागों और आमजन ने लगाए है उतने ही पेड़ वन विभाग की लापरवाही से काट दिए गए है। वन विभाग के कर्मचारी से लेकर अधिकारी इस मामले को छुपाने की कोशिश कर रहे है।
मामला कोलारस रेंज की सब रेंज खरई से मिल रहा है कि कोटा नाका गांव से लगे जंगल के माफिया ने हरे-भरे पेड़ कटवा दिए। यहां करीब 500 बीघा में अवैध खेती की तैयारी चल रही थी। ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग ने अज्ञात लोगों पर वन अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। मौके पर बनीं करीब 7 टपरियां हटा दी हैं।
जानकारी के मुताबिक खरई सब रेंज की बीट कोटा नाका में पिछले कुछ दिनों से पेड़ों की अवैध कटाई चल रही थी। करीब 500 बीघा में अवैध खेती कराने के लिए जंगल उजाड़ना शुरू कर दिया। जंगल का सफाया होते देख ग्रामीणों ने मामले की शिकायत वन विभाग से कर दी। वन विभाग मौके पर पहुंचा तो जगह जगह पेड़ कटे मिले। आदिवासियों की आड़ में खेती करने के लिए वन भूमि पर अतिक्रमण की तैयारी चल रही थी।
वन विभाग ने अज्ञात लोगों के खिलाफ वन अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। लेकिन जंगल उजड़वाने के पीछे किसका हाथ है, इसे लेकर माफिया का नाम सामने नहीं आ सका है। ग्रामीणों के विरोध की वजह से जंगल में खड़े और पेड़ कटने से बच गए।
माफिया द्वारा कोटा नाका गांव से लगे जंगल में हटाए गए पेड़
विभाग 20 से 25 बीघा में अतिक्रमण की बात कह रहा है राजस्थान सीमा से लगे कोटा नाका गांव के जंगल में वन विभाग 20 से 25 बीघा में अवैध खेती के लिए पेड़ काटने जाने की बात कह रहा है। सूत्रों की मानें तो करीब 500 बीघा में खेती की तैयारी थी। वन अपराध पंजीबद्ध करके यदि विभाग के अफसर भूल गए तो फिर से जंगल की कटाई हो सकती है।
सब रेंजर खरई की बीट कोटा नाका-में अवैध खेती करने के लिए वन भूमि अतिक्रमण की कवायद चल रही थी। वन विभाग की तरफ से 30 से 35 पेड़ कटने की बात कही जा रही है। बाकी झाड़ी आदि की सफाई की बात कहकर अफसर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। लेकिन मौके पर जगह जगह पेड़ काफी संख्या में कटे पाए गए हैं।
इस मामले को लेकर कुछ सवाल वन विभाग के मुखिया डीएफओ साहब पर खडे हो रहे है कि 500 बीघा में वन भूमि पर कैसे पेड़ काट दिए गए,कैसे वहां खेती करने की तैयारी कर रहे थे। क्या इस वीट गार्ड अपनी ड्यूटी नही करता,एक दिन में तो पेड़ नही काटे जा सकते,दूसरा डिप्टी रेंजर भी अपने क्षेत्र में भ्रमण नही करते,क्या एक ही रात में इतने पेड़ तो नही काटे जा सकते है।
वन विभाग 500 बीघा में खेती की बात स्वीकार नही कर रहा कि 30 बीघा में स्वीकार कर रहा है,यहां डीएफओ साहब ने अपने विभाग के कर्मचारियों के लिए क्या सजा तय की है,यह बात स्वाभाविक है कि कर्मचारियों की अपने कर्तव्य की लापरवाही के कारण ही यह पेड़ काटे गए है। अब डीएफओ साहब कम से कम अपने कर्तव्य की लापरवाही न बरते हुए तत्काल प्रभाव से इस क्षेत्र के बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर पर कार्रवाई करे जिससे शिवपुरी जिले के अन्य क्षेत्रों के जंगल कटने से बच जाऐगें।
पेड़ कौन कटवा रहा था, जांच करा रहे हैं
अवैध खेती के लिए कोटा नाका बीट में झाड़ियों की सफाई आदि हुई है। करीब 30 से 35 पेड़ कटे हैं, जिसे लेकर अज्ञात के खिलाफ वन अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। मौके से 7-8 टपरियां भी हटाईं हैं। पेड़ कौन कटवा रहा था, इसकी जांच करा रहे हैं। संदीप लिटोरिया, डिप्टी रेंजर, सब रेंज खरई
पेड़ काटने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे
कोलारस रेंज की कोटा नाका बीट में पेड़ काटे जाने पर पी ओ आर दर्ज किया गया है। इस मामले में कोलारस रेंजर जांच करा रही हैं। जांच के दौरान पता चलेगा कि किसने पेड़ कटवाए हैं। संबंधितों को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे। सुधांशु यादव, डीएफओ, सामान्य वन मंडल जिला शिवपुरी