शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क में वर्तमान में 01 जुलाई से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इतिहास में पहली बार एएनपी को मानसून काल में पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित किया गया। ऐसा इसलिए किया गया है कि पार्क में स्थित टाइगर अपनी वंश वृद्धि कर सके। मार्च 2023 में शिवपुरी में तीन टाइगरो को लाया गया था और कुछ दिन बंद बाडे में रखने के बाद टाइगर को खुले में रिलीज किया गया था।
उम्मीद लगाई जा रही थी अब टाइगर की शिवपुरी में वंश वृद्धि होगी,लेकिन 2 मादा और एक नर टाइगर को 16 माह के लगभग हो चुके है लेकिन जंगल से उम्मीद भरी खबर नही मिली। अब जानकारी मिल रही है कि माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने 2 और टाइगर की डिमांड करते हुए NTCA को पत्र लिखा है।
शिवपुरी में पर्यटन को बढावा देने के लिए 5 टाइगरों की स्वीकृति दी गई थी,लेकिन 3 टाइगर ही मिले थे बाकी बचे 2 टाइगर को लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 2 मादा टाइगर और 1 नर टाइगर होने के बाद भी किसी भी मादा टाइगर ने बच्चों को जन्म नही दिया है,इस कारण भी मेटिंग कराने के लिए एक नए नर टाइगर को लाने की आवश्यकता है। अब एक नर और एक मादा टाइगर मानसून काल के बाद शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को मिल सकते है।
वंशवृद्धि के लिए भी चल रही कवायद
माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में दो मादा व एक नर टाइगर को जंगल में एक साथ रहते हुए 16 माह गुजरने के बाद भी उनकी वंशवृद्धि नहीं हुई। पार्क में टाइगर के नन्हे शावक देखने के लिए पार्क प्रबंधन भी कवायद कर रहा है। इसके लिए पहली बार माधव नेशनल पार्क को बरसात के तीन महीने के लिए बंद कर दिया गया। पार्क प्रबंधन का मानना है कि जब सैलानियों की आवाजाही नहीं होगी, तो हो सकता है कि नर व मादा टाइगर को किसी तरह का कोई डिस्टर्बेस न हो तथा यहां पर भी टाइगरों की संख्या में इजाफा हो सके।
आबादी इलाकों को कर रहे सुरक्षित
माधव नेशनल पार्क का एक बड़ा एरिया ऐसा है, जिसके काफी नजदीक रिहायशी बस्तियां हैं। चूंकि अभी तीन टाइगर भले ही पार्क के आसपास के रिहायशी इलाकों में नजर न आए हों, लेकिन जब दो और नए टाइगर आ जाएंगे तो फिर उनमें पार्क के अंदर एरिया को लेकर विवाद होने से वे आबादी की तरफ भी आ सकते हैं। इसी सुरक्षा के मद्देनजर पार्क एरिया में 13 किमी लंबी व 8 फीट ऊंची दीवार बन रही है, ताकि किसी भी स्थिति में टाइगर पार्क एरिया में से कूदकर बाहर न आ सके। बाउंड्री बनाए जाने का लगभग 70 फीसदी काम हो गया है।
मानसून काल में रेस्क्यू करना मुश्किल
बरसात के महीनों में टाइगर को रेस्क्यू करना और फिर उसे नई जगह छोड़ना मुश्किल होता है। इसलिए नेशनल पार्क प्रबंधन ने अभी टाइगर लाए जाने का प्रस्ताव भेज दिया है, तथा अक्टूबर में जब दूसरे पार्कों के साथ माधव नेशनल पार्क भी खुलेगा तो फिर नए टाइगरों को लाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शिवपुरी माधव नेशनल पार्क में जब पांच टाइगर हो जाएंगे, तो फिर पार्क में आने वाले सैलानियों को यह नजर आ सकेंगे। क्योंकि अभी तक पार्क में जाने वाले सैलानियों को टाइगर न दिखने से निराशा होती है।
सैलिंग क्लब के पास बनेंगे नए बाड़े
पूर्व में जिन तीन टाइगरों को पार्क में छोड़ा गया, उनके लिए बाड़े बलारपुर के जंगल में बनाए गए थे। यही वजह है कि बाड़े से पार्क में छोड़ने के बाद उन टाइगरों ने उसके आसपास ही अपना आशियाना बना लिया। अब जो दो नए टाइगर लाए जाएंगे, उनके लिए बाड़ा सेलिंग क्लब के आसपास बनाया जाएगा। तथा जब उन्हें बाड़े से पार्क में रिलीज किया जाएगा तो फिर यह उम्मीद है कि उसके आसपास ही वे अपना आशियाना बनाएंगे और यह एरिया आबादी के नजदीक रहेगा, इसलिए उस एरिया को बाउंड्री से कवर्ड किया जा रहा है।
एनटीसीए को प्रस्ताव भेज दिया
शिवपुरी शिवपुरी के के माधव नेशनल पार्क में दो नए टाइगर लाए जाने के लिए प्रस्ताव हमने एनटीसीए को भेज दिया है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही नए टाइगरों को पार्क में लाया जाएगा। वैसे भी बरसात में शिफ्टिंग नहीं होती है, तथा बाउंड्री का काम भी 70 फीसदी हो गया है। टाइगर का कुनबा बढ़ाने के लिए ही इस बरसात में पार्क बंद किया गया है। प्रतिभा अहिरवार, डिप्टी डायरेक्टर माधव नेशनल पार्क शिवपुरी