SHIVPURI NEWS - मडीखेडा डैम 116 मिलियन यूनिट बिजली बनाकर रिकॉर्ड बनाया, समझे बिजली पानी का गणित

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में नरवर क्षेत्र में स्थित अटल सागर मडीखेडा डेम का स्टोर जल खेतों की सिंचाई और बिजली उत्पादन के काम आता है। वर्ष 2022-23 में मड़ीखेड़ा पॉवर जनरेशन यूनिट ने लक्ष्य से अधिक 116 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया था,इस कारण प्रदेश में इस यूनिट का सम्मानित भी किया था। वही वर्ष 2023-2024 में डेम की पॉचर जनरेशन यूनिट में मात्र 49.47 मिलियन यूनिट बिजली बन सकी।

पांच माह बाद शुरू हुआ बिजली का उत्पादन

वर्तमान समय की बात करे तो शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा डैम पर स्थित पॉवर जनरेशन यूनिट में बीते शनिवार से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। डैम प्रबंधन ने 24 अगस्त को जहां 9 घंटे बिजली उत्पादन की परमिशन दी और रविवार 25 अगस्त को डैम के चार गेट खोलने के साथ ही पॉवर जनरेशन यूनिट की 20-20 मेगावाट की तीनों टरबाइन 24 घंटे बिजली बनाने लगीं। इस वर्ष आखिरी बार 25 अप्रैल को उस समय बिजली बनी थी, जब सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया था।

वर्षा कम होने के कारण बिजली उत्पादन के आंकड़े नीचे गिरे

सिंध नदी पर बने मड़ीखेड़ा डैम स्थित विद्युत उत्पादन इकाई में बीते वर्ष सिर्फ उसी समय बिजली बन सकी, जब सिंचाई के लिए पावर जनरेशन यूनिट के माध्यम से नहर में पानी छोड़ा गया। चूंकि बीते वर्ष डैम नहीं भर पाया था, इसलिए गेट नहीं खोले गए तथा 116 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन के विरुद्ध महज 49.47 मिलियन यूनिट ही बिजली बन सकी थी। यूं तो हर वर्ष पॉवर जनरेशन यूनिट में जुलाई माह में बिजली बनना शुरू हो जाती थी, लेकिन बीते वर्ष डैम अधिक खाली होने तथा अच्छी बारिश की शुरुआत अगस्त माह में हुई, इसलिए इस वर्ष 24 अगस्त से बिजली बनना शुरू हो सकी।

इस साल डेम लबालब,पावर यूनिट प्रबंधन खुश

मडीखेडा डेम का वाटर लेवल बीते शनिवार को जब 343ण्25 मीटर पहुंच गया था तो डेम प्रबंधन ने पॉवर जनरेट यूनिट के माध्यम से पानी छोड़ा गया 9 घंटे बिजली उत्पादन शुरू हुआ। यह नो घंटे बिजली प्रति यूनिट को तीन तीन घंटे पानी छोडा गया। अगले ही दिन रविवार को डेम का लेवल 344025 मीटर हो गया तो डेम के ना केबल कैनाल के चार गेट खोले गए । बल्कि तीनो टरबाइन से 72 घंटे बिजली का उत्पादन होने लगा।

पुरस्कार मिलने के अगले ही वर्ष सबसे कम उत्पादन

वर्ष 2022-23 में मड़ीखेड़ा पॉवर जनरेशन यूनिट ने लक्ष्य से अधिक बिजली का उत्पादन किया था, तो इस यूनिट को प्रदेश में सम्मानित किया गया था। इसके अगले ही वर्ष 2023-24 में बारिश कम होने तथा डैम का लेवल काफी कम हो जाने की वजह से गेट नहीं खोले गए तथा पॉवर जनरेशन यूनिट बंद रही। गर्मियों में जब सिंचाई के लिए डैम से विद्युत उत्पादन इकाई के माध्यम से पानी छोड़ा गया, इसलिए पूरे वर्ष में महज 49.47 मिलियन यूनिट बिजली बन सकी।

इनका कहना है
डैम के गेट खुलने की वजह से अब हमारी तीनों टरबाइन 24 घंटे बिजली का उत्पादन कर रही हैं। हर साल जुलाई में बिजली बनने लगती थी, लेकिन पिछले साल डैम खाली रह जाने की वजह से इस बार अगस्त में उत्पादन शुरू हो सका। अनिल चौहान, महाप्रबंधक, पॉवर जनरेशन यूनिट मड़ीखेड़ा